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    NCLT ने वित्त वर्ष 2022-23 में 51,424 करोड़ रुपये के 180 resolution plans को किया मंजूर, जानिए डिटेल्स

    By Priyanka KumariEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Sun, 04 Jun 2023 06:10 PM (IST)

    वित्त वर्ष 2022-23 में कर्ज में दबी फर्मों के लेनदारों को कुल स्वीकृत क्लेम का 36 फीसदी प्राप्त करने में मदद की है। वहीं 1255 साआईआरपी के लिए क्रेडिटर्स के आवेदन को स्वीकार किया है। आइए जानते इस साल के आंकड़े

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    NCLT approves 180 resolution plans, total involving realisation amount in FY23 is Rs 51,424 cr

     नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने वित्त वर्ष 2022-23 में 180 समाधान योजनाओं को मंजूरी दे दी है। इससे बैड लोन वाली संपत्तियों से कुल 51,424 करोड़ रुपये मिले हैं। इसको अभा तक का दूसरा सबसे ज्यादा वाली वसूली मानी जा रही है। इससे पहले 2018-19 में सबसे ज्यादा वसूली हुई थी। उस समय 1.11 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। जिनमें एस्सार स्टील और मोनेट इस्पात जैसे बड़े मामले भी शामिल थे।

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    क्या है एनसीएलटी के आंकड़े

    इस बार वित्त वर्ष 2022-23 में कर्ज में दबीं फर्मों के लेनदारों को 31 मार्च, 2023 को खत्म हुए कारोबारी साल के लिए 1,42,543 करोड़ रुपये के कुल स्वीकृत दावों का 36 फीसदी मिलने में मदद मिली है।

    इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 180 कॉर्पोरेट देनदारों (सीडी) की संपत्ति का संयुक्त कुल परिसमापन मूल्य 39,110.10 करोड़ रुपये था । जिसमें लेनदारों को 131 फीसदी अधिक प्राप्त हुआ।

    इसके अलावा FY23 में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) की शुरुआत के लिए लेनदारों से 1,255 आवेदन स्वीकार किए, जो 2019 के बाद से सबसे ऊंची संख्या में से एक है। एनसीएलटी ने FY22 में 147, FY21 में 121 और FY20 में 134 रिज़ॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी। जिसमें लेनदारों ने क्रमशः 23 फीसदी, 17 फीसदी और 26 फीसदी अपने स्वीकृत दावों का एहसास किया था। आंकड़ों के अनुसार, एनसीएलटी ने वित्त वर्ष 2022-23 तक 678 समाधान योजनाओं को मंजूरी दी थी और ऋणदाताओं को 2.86 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।

    आईबीबीआई ने नवीनतम समाचार पत्र में कहा था कि, "इन सीडी के पास उपलब्ध संपत्ति का उचित मूल्य, जब वे सीआईआरपी में प्रवेश करते हैं, अनुमानित रूप से 2.65 लाख करोड़ रुपये और लेनदारों के कुल दावों के मुकाबले 1.70 लाख करोड़ रुपये का परिसमापन मूल्य 8.99 लाख करोड़ रुपये था। इसी के साथ लेनदारों ने परिसमापन मूल्य का 68.47 फीसदी और उचित मूल्य का 83 फीसदी से अधिक वसूल किया है। संपत्ति के उचित मूल्य के संबंध में लेनदारों के लिए हेयरकट 17 फीसदी से कम था, जबकि उनके स्वीकृत दावों के सापेक्ष लगभग 68 फीसदी है।

    एनसीएलटी में कितने सदस्य हैं

    पिछले साल नवंबर में सरकार ने एनसीएलटी में कुल 15 न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति की थी। पूरे भारत में एनसीएलटी की कुल 31 बेंच हैं। जिसमें से 28 काम कर रहे हैं। वहीं ट्रिब्यूनल को कोर्ट मास्टर्स, अधिकारियों और सहायक रजिस्ट्रार सहित न्यायाधीशों और सहायक कर्मचारियों की कमी का सामना भी करना पड़ रहा है। एनसीएलटी के अध्यक्ष सहित 63 न्यायिक और तकनीकी सदस्यों में से वर्तमान में कुल 37 सदस्य हैं। एक एनसीएलटी बेंच को काम करने के लिए कम से कम एक न्यायिक सदस्य और एक तकनीकी सदस्य की आवश्यकता होती है।

    कितने सीआईआरपी बंद हुए हैं

    इंडिपेंडेंट बिजनेस कंसल्टेंट (IBC) के तहत, एक सीआईआरपी को अधिकतम 330 दिनों की अनिवार्य अवधि के तहत पूरा किया जाना है। अब तक एनसीएलटी बेंच ने कुल संख्या 6,567 सीआईआरपी शुरू किये हैं, जिनमें से 4,515 सीआईआरपी को बंद कर दिया गया है। बंद किए गए सीआईआरपी में से

    2,485 सीडी को मामलों से बचाया गया था,जिनमें से 959 को अपील या समीक्षा या निपटान पर बंद कर दिया गया है, 848 को वापस ले लिया गया है और 678 मामले समाधान योजना के अनुमोदन में समाप्त हो गए हैं, जबकि 2,030 परिसमापन के आदेश में समाप्त हो गए हैं। सबसे ज्यादा साआईआरपी विनिर्माण और रियल एस्टेट क्षेत्रों के खिलाफ शुरू की गई थी। जो कुल प्रवेश का क्रमशः 39 फीसदी और 21 फीसदी था। मार्च 2023 में कुल सीआईआरपी निर्माण क्षेत्र में 11 फीसदी और थोक और खुदरा व्यापार में 10 फीसदी था।

    इस साल कितने सीडी शुरू किये गए

    इस साल की शुरुआत में, एनसीएलटी ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के लिए सुरक्षा रियल्टी की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। यह उन 12 बड़े खातों में से एक था, जिसके खिलाफ बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देशों के बाद सीआईआरपी शुरू किया गया था। 12 मामलों में से नौ सीडी के लिए समाधान योजना को मंजूरी दी गई और दो सीडी के लिए परिसमापन के आदेश जारी किए गए।