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    देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ रहा NBFC कंपनियों का योगदान, एसेट ग्रोथ चार साल में सबसे ज्यादा

    Business News क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में एनबीएफसी कंपनियों की एसेट्स ग्रोथ 11-12 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। इसमें सबसे बड़ा योगदान वाहन सेगमेंट का हो सकता है।

    By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 02:49 PM (IST)
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    NBFC asset growth set to touch four-year high in FY23 Crisil Ratings

    नई दिल्ली, एजेंसी। देश की अर्थव्यवस्था तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। इसके कारण देश के सभी सेक्टर अच्छी बढ़त दिखा रहे हैं। इसी बीच एक रेटिंग एजेंसी ने सोमवार को कहा कि नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) की एसेट्स ग्रोथ इस वित्त वर्ष में चार साल के उच्चतम स्तर 11-12 प्रतिशत पर पहुंच सकती है।

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    रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद पिछले कुछ सालों में देश की एनबीएफसी कंपनियों की एसेट्स ग्रोथ में लगातार तेजी देखी जा रही है। पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में यह 5 प्रतिशत रही थी।

    प्री- कोविड स्तर को नहीं किया पार

    समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिसिल के डिप्टी चीफ रेटिंग ऑफिसर कृष्णन सीतारमण का कहना है कि एसेट ग्रोथ दोहरे अंकों के पहुंचने के बाद अभी भी प्री- कोविड स्तर से कम है। उन्होंने कहा कि कोरोना से पहले सालों में एसेट्स ग्रोथ करीब 20 प्रतिशत थी।

    वाहन सेगमेंट में हुई अच्छी वृद्धि

    क्रिसिल ने आगे बताया कि वाहनों के फाइनेंस पर एनबीएफसी ने अपनी आधी पूंजी खर्च की है। वित्त वर्ष 2022-23 में वाहन सेगमेंट में 11-13 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल सकती है, यह वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 3 से 4 प्रतिशत थी।

    असुरक्षित लोन सेगमेंट में बड़ा इजाफा

    क्रिसिल के डायरेक्टर अजित वेलोनी ने कहा है कि असुरक्षित लोन, वाहनों के बाद एनबीएफसी के लिए दूसरा सबसे बड़ा सेगमेंट है। इस वित्त वर्ष में यह प्री- कोविड स्तर की ग्रोथ रेट 20-22 प्रतिशत को पार कर सकता है। असुरक्षित लोन एनबीएफसी की कुल एसेट्स बुक का 20 फीसदी है।

    देश में बढ़ रही खपत

    देश की अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में 7.3 फीसदी की दर से बढ़ रही है। इस वजह से ग्राहकों से आने वाली लोन की मांग में भी वृद्धि हो रही है। इस कारण एनबीएफसी कंपनियों से प्रॉपर्टी लोन की मांग में 10-12 प्रतिशत और गोल्ड लोन की मांग में 10-12 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है।

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