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    Job Crisis : Nasscom ने किया आगाह, पहले इस सेक्टर की नौकरियां खाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

    By Jagran News Edited By: Suneel Kumar
    Updated: Sun, 03 Mar 2024 05:14 PM (IST)

    इस बात की चिंता लगातार जताई जा रही है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जाएंगी। लेकिन सबसे बड़ा खतरा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) सेक्टर पर है। जानकार मान रहे है कि AI काफी जल्द BPO सेक्टर के कर्मचारियों की जगह ले लेगा। आइए जानते हैं कि और किन सेक्टर की नौकरियां पर ज्यादा खतरा है।

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    पिछले कुछ समय में जॉब पर AI के प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

    पीटीआई, नई दिल्ली। कारोबार जगत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में एक्सपर्ट बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने की आशंका जता रहे हैं। लेकिन, सबसे बड़ा खतरा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) सेक्टर पर है। आईटी इंडस्ट्री की संस्था Nasscom के चेयरमैन राजेश नांबियार ने यह चिंता जताई है।

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    नांबियार ग्लोबल टेक्नॉलजी दिग्गज Cogniozant के भारतीय कारोबार के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। उनका कहना है कि इंडियन टेक इंडस्ट्री के मुख्य आधार सॉफ्टवेयर सर्विस इंडस्ट्री के वर्कर्स को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनकी जॉब एक हद तक अभी सुरक्षित रहने वाली है।

    नांबियार ने पुणे में आयोजित एक सेमिनार में कहा, 'जो लोग प्रोसेस से जुड़ी इंडस्ट्री में काम करते हैं, जिन्हें अमूमन BPO कहा जाता है, उनमें से कुछ को बहुत जल्द ही AI इंजन से रिप्लेस होने का जोखिम है।'

    पिछले कुछ समय में जॉब पर AI के प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। खासकर, 250 अरब डॉलर वाले इंडियन टेक सेक्टर में, जिसकी देश के जीडीपी में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है।

    नांबियार ने सॉफ्टवेयर सर्विसेज इंडस्ट्री के मामले में कहा कि अब सभी को AI का इस्तेमाल करना सीखना है। जो प्रोफेशनल्स अपने काम के हिस्से के तौर पर AI का इस्तेमाल नहीं करते, उनकी जगह जल्द ही वे लोग ले लेंगे, जिन्हें इसका यूज अच्छे से आता है।

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    यही वजह है कि ज्यादातर आईटी सर्विस देने वाली कंपनियों अपनी वर्कफोर्स को AI से जुड़ी स्किल सिखाने के लिए निवेश कर रही हैं, ताकि आगे चलकर अपने कस्टमर की डिमांड को आसानी से पूरा कर सकें।

    नांबियार ने कहा कि जेनरेटिव AI व्हाइट कलर जॉब यानी ऑफिस वाली नौकरियों को ज्यादा प्रभावित करेगा। हर कंपनी तकनीक का इस्तेमाल करके अपनी लागत कम चाहेगी और इसके लिए नौकरियों को कम करना उनके लिए एक विकल्प होगा।

    उन्होंने कहा कि AI का असर लाइट या एयर कंडीशनर को ठीक करने वाले टेक्निशन पर नहीं पड़ेगा, लेकिन ब्रोकरेज में इक्विटी एनालिस्ट या statistician की जॉब जरूर इसकी चपेट में आएंगी। AI उनका काम चुटकियों में कर सकता है।

    नांबियार ने यह भी कहा कि हम अभी एआई के लंबी अवधि में होने वाले प्रभाव का आकलन भी नहीं कर रहे हैं। हम बस यही देख रहे हैं कि वह नियर-टर्म में क्या करने वाला है। उन्होंने कहा कि अगले 5-10 साल में AI का प्रभाव हमारी कल्पना से कहीं अधिक होगा।