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    ये शहर है भारत की 'Egg City'; जानिए क्यों चर्चा में है इसका नाम? कैसे बना देश का एग हब?

    Updated: Wed, 18 Jun 2025 05:18 PM (IST)

    एक छोटा सा शहर जहां खेती भी ढंग से नहीं हो सकती थी वह आज देश का ‘Egg city’ कहलाता है। वजह यहां हर रोज 5 से 6 करोड़ अंडों का उत्पादन होता है। अमेरिका को एक खेप में 1.2 करोड़ अंडों का निर्यात कर यह शहर अचानक से चर्चा में आ गया है।

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    ये शहर है भारत की Egg City, जानिए क्यों है इसका नाम चर्चा में, कैसे बना देश का एग हब?

    नई दिल्ली। आपने ऑटो हब, एजुकेशन हब, अपैरल हब के रूप में कई शहरों के नाम सुने होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक शहर अंडों का हब भी है। यह शहर अचानक से चर्चा में आया, क्योंकि यहां से 1.2 करोड़ अंडे एक कंसाइनमेंट में पहली बार अमेरिका निर्यात किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 4.75 लाख अंडे ले जाने वाले 21 कंटेनर भेजे गए हैं और जल्द ही अमेरिका पहुंचने की उम्मीद है।

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    ये है दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु का नमक्कल शहर। नमक्कल को देश का Egg Capital of India भी कहा जाता है। कारण, यहां हर रोज 5 से 6 करोड़ मुर्गी के अंडों का उत्पादन होता है। यहां से देशभर में तो अंडे भेजे ही जाते हैं, साथ ही विदेशों खासकर खाड़ी देशों को भी अंडों का निर्यात होता है।

    नमक्कल कैसे बना अंडे का हब ?

    नमक्कल में वहां पोल्ट्री लेयर उद्योग का विकास वर्ष 1969 में शुरू हुआ था। तब एक गरीब किसान वी. वेलप्पन अपनी छह देसी मुर्गियों का इलाज कराने नमक्कल के पशु चिकित्सा अस्पताल में सहायक सर्जन डॉ. एन नंदगोपाल के पास आया। डॉ. नंदगोपाल ने उन्हें सलाह दी कि वे हाइब्रिड नस्ल की मुर्गियां पालें, जिससे उन्हें अधिक अंडे, बेहतर खाद और अधिक आमदनी होगी। वेलप्पन ने यह सलाह मान ली और इस तरह नमक्कल में पोल्ट्री फार्मिंग की शुरुआत हुई।

    धीरे-धीरे आसपास के गांवों के किसान भी इन छोटे पोल्ट्री फार्म्स को देखने आने लगे और उन्होंने भी लेयर फार्मिंग शुरू करने में रुचि दिखाई। जब मुर्गियों ने अंडे देना शुरू किया, तो अंडों की मार्केटिंग एक नई चुनौती बन गई। डॉ. नंदगोपाल ने सुझाव दिया कि किसानों को एक क्लब बनाकर सभी अंडे इकट्ठा करके चेन्नई या स्थानीय बाजारों में बेचना चाहिए।

    इसके बाद अंडों की मांग लगातार बढ़ती गई और नमक्कल क्षेत्र में पोल्ट्री फार्म्स की संख्या तेजी से बढ़ी। आज नमक्कल जोन में लगभग 1100 पोल्ट्री किसान हैं, जिनके पास 4.5 करोड़ से अधिक लेयर मुर्गियां हैं। नमक्कल जोन में प्रतिदिन औसतन 3.5 करोड़ अंडे का उत्पादन होता है। इनमें से 50 लाख अंडे तमिलनाडु में खप जाते हैं, जबकि बाकी केरल, कर्नाटक और उत्तर भारतीय राज्यों को भेजे जाते हैं।

    नमक्कल से कहां-कहां होता है अंडों का निर्यात?

    नमक्कल से टेबल अंडों का निर्यात 25 साल पहले कुवैत से शुरू हुआ था, जो यह मध्य पूर्व और पश्चिम अफ्रीका के 17 देशों तक फैल चुका है। नमक्कल जोन में प्रतिदिन उत्पादित 30.8 मिलियन अंडों में से 1-3 मिलियन अंडे मध्य पूर्व के देशों को निर्यात किए जाते हैं। अब अमेरिका इसमें नय आयातक जुड़ गया है।

    भारत से कितना अंडों का निर्यात?

    पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के जॉइंट सेक्रेटरी रिकी थापर ने बताया कि मौजूदा समय में देश में हर महीने लगभग 200 मिलियन (20 करोड़) अंडे निर्यात किए जाते हैं। ये निर्यात ज्यादातर संयुक्त अरब देशों जैसे कतर, ओमान, बहरीन, मालदीव जैसे खाड़ी देशों और कई अफ्रीकी देशों में किया जाता है। वहीं, देश के लगभग 95% शेल अंडे का निर्यात नमक्कल से किया जाता है।

    साल 2022-23 और 2023-24 के दौरान देश ने अस्थायी मांग के चलते मलेशिया और श्रीलंका को भी अंडे निर्यात किए है। इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार वैश्विक अंडा उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है। एक्सपर्ट बताते है कि भारतीय अंडा उद्योग के सालाना 6-8% की दर से बढ़ने की उम्मीद है।

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