Mutual Fund Investment: कितने 'सही' हैं म्यूचुअल फंड; कैसे लगाएं पैसा और कितना मिलेगा फायदा, जानें सभी डिटेल
Mutual Fund Investment म्यूचुअल फंड आपको कम जोखिम स्टाक और बांड खरीदने की सुविधा देता है। म्यूचुअल फंड निवेश में अलग-अलग जगह पैसा लगाया जाता है ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने के बावजूद अन्य क्षेत्रों से लाभ कमाया जा सके।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क : शेयर बाजार में निवेश करने के कई तरीके हैं। निवेशक सीधे तौर पर डीमैट अकांउट या फिर म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के जरिए आसानी से निवेश कर सकते हैं। जानकारों का मानना है कि अगर किसी व्यक्ति को शेयर बाजार (Stock Market) की समझ है तो ही उसे सीधे डीमैट अकांउट (Demat Account) के जरिए निवेश करना चाहिए। ऐसे निवेशक जो नए हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश (Mutual Fund Investment) का सबसे अच्छा तरीका है।
म्यूचुअल फंड आपको कम निवेश में कई स्टाक और बांड खरीदने की सुविधा देता है। म्यूचुअल फंड निवेश में किसी एक जगह पैसा नहीं लगाया जाता है, बल्कि अलग-अलग जगह निवेश किया जाता है, ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने के बावजूद अन्य क्षेत्रों से लाभ कमाया जा सके।
म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा चलाया जाता है और फंड मैनजेर इसे मैनेज करते हैं। ये कई प्रकार के होते हैं। जोखिम के आधार पर इन्हें इक्विटी फंड, हाइब्रिड फंड और डेट फंड बांटा गया है। इक्विटी फंड में सबसे अधिक जोखिम होता है, जबकि डेट फंड में सबसे कम जोखिम होता है।
म्यूचुअल फंड चुनने का तरीका
म्यूचुअल फंड का चयन करने में जोखिम की बड़ी भूमिका होती है। अधिक जोखिम लेने वाले निवेशकों को इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए। ऐसे निवेशक जो मध्यम जोखिम उठाना चाहते हैं, तो वे हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं। वहीं, ऐसे निवेशक जो कम से कम जोखिम उठाना चाहते हैं, वे डेट फंड में निवेश कर सकते हैं। यहां इस बात का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए कि फंड को मैनेज करने वाले फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है। बाजार में उन्हें कितने साल का अनुभव है। ऐसे म्यूचुअल फंड जहां एएमसी बार-बार फंड के मैनेजर को बदल रही हो, उनसे दूर रहना चाहिए। एक्सपेंस रेश्यो को भी ध्यान में रखना चाहिए। एक्सपेंस रेश्यो, जिस म्यूचुअल फंड का जितना कम होता है, वह उतना ही अच्छा माना जाता है।
म्यूचुअल फंड में न्यूनतम निवेश
म्यूचुअल फंड में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। आपके पास केवल आधार कार्ड और पैन कार्ड होना अनिवार्य है। आप किसी भी एएमसी की वेबसाइट पर जाकर सीधे निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर 500 रुपये के मासिक निवेश में किसी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। NRI भी इसमें पैसा लगा सकते हैं। आप जीवनसाथी या बच्चों की तरफ से भी निवेश कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा नाबालिग है तो उसके नाम पर निवेश करते समय आपको अपनी जानकारी देनी होगी।
कभी भी कर सकते हैं निकासी
निवेश के साथ-साथ म्यूचुअल फंड से निकासी करना भी बेहद आसान है। ज्यादातर में कोई भी लॉक-इन पीरियड नहीं होता है। आप जरूरत पड़ने पर कभी भी म्यूचुअल फंड से पैसे की निकासी कर सकते है। अगर क्लोज एंड स्कीम है तो लॉक-इन अवधि 3-4 वर्ष की होती है। अगर आप एक साल से कम अवधि में अपनी म्यूचुअल फंड यूनिट्स बेचते हैं तो फिर आपको एक फीसदी का एग्जिट लोड देना पड़ेगा। वहीं, एक साल की अवधि के बाद बेचने पर कोई भी चार्ज नहीं लगेगा।
कितना मिलता है फायदा
म्यूचुअल फंड बाजार जोखिम से जुड़े होते हैं, इसलिए आपको कितना रिटर्न मिलेगा, यह ठीक-ठीक बता पाना मुश्किल है। हो सकता है कि आपको एक निवेश में खूब फायदा हुआ हो, लेकिन ध्यान रहे, किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम का पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता है। इतना जरूर है कि यह निवेश के बाकी तरीकों से कहीं अधिक सुरक्षित है।
टैक्स-फ्री नहीं है यह निवेश
म्यूचुअल फंड शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) नियमों के अधीन हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड पर कई तरह का टैक्स लगता है। म्यूचुअल फंड पर मिलने वाले लाभांश के मामले में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) लागू हो जाता है और फंड के अनुसार TDS काटा जाता है।
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