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    दिवालिया कानून की वजह से नहीं फंसेगा MSME का भुगतान, नई नीति में लाए जा रहे हैं कई प्रविधान

    By Manish MishraEdited By:
    Updated: Sat, 23 Apr 2022 07:57 AM (IST)

    Bankruptcy Law प्रस्ताव के मुताबिक मंत्रालय एक पोर्टल बनाएगा और सभी एमएसएमई उसी पोर्टल के माध्यम से लोन के लिए आवेदन करेंगे ताकि यह पता लग सके कि उनके आवेदन पर बैंक क्या प्रतिक्रिया दे रहा है।

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    MSME payment will not be stuck due to bankruptcy law

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिवालिया कानून की वजह से MSME का भुगतान नहीं फंसेगा। नई एमएसएमई पॉलिसी में इस प्रकार के प्राविधान लाए जा रहे हैं जिससे छोटे और मझोले उद्योगों को राहत मिलेगी। दूसरी तरफ एमएसएमई से जुड़ी लोन सुविधा को और आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से लेकर विभिन्न प्रकार की टेक्नोलॉजी की मदद ली जाएगी। हाल ही में एमएसएमई मंत्रालय ने नई एमएसएमई पॉलिसी के लिए मसौदा जारी किया है। स्टेकहोल्डर्स से विमर्श के बाद इस मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा। एमएसएमई विशेषज्ञों के मुताबिक अभी अगर कोई कंपनी दिवालिया होती है तो एमएसएमई का भुगतान फंसने की पूरी आशंका रहती है। क्योंकि कानून के मुताबिक दिवालिया होने वाली कंपनी की संपदा वगैरह की बिक्री से प्राप्त राशि से पहले बैंक व सरकारी एजेंसियों का भुगतान होगा, फिर एमएसएमई के बकाए के भुगतान का नंबर आएगा।

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    उदाहरण के लिए अगर कोई कंपनी दिवालिया हो जाती है और उस पर कुल मिलाकर 100 करोड़ रुपये का बकाया है। दिवालिया प्रक्रिया के तहत जब उस कंपनी की संपदा का मूल्य लगाया जाता है या उस कंपनी की बोली लगाई जाती है तो 80 करोड़ रुपये प्राप्त होते हैं। ऐसे में, उस 80 करोड़ से पहले बैंक का लोन चुकाया जाएगा। फिर अन्य सरकारी एजेंसी अपना हिस्सा लेंगी। कई बार तो एमएसएमई को दिवालिया होने वाली कंपनी से कोई भुगतान नहीं मिल पाता है।

    प्रस्तावित प्रविधान के मुताबिक अब इस प्रकार के भुगतान में एमएसएमई को बैंक की तरह प्राथमिकता दी जाएगी। प्रस्तावित नीति में लोन को बिल्कुल सरल बनाने के लिए लोन के आवेदन को केंद्रीकृत करने की सिफारिश है। प्रस्ताव के मुताबिक मंत्रालय एक पोर्टल बनाएगा और सभी एमएसएमई उसी पोर्टल के माध्यम से लोन के लिए आवेदन करेंगे ताकि यह पता लग सके कि उनके आवेदन पर बैंक क्या प्रतिक्रिया दे रहा है। मंत्रालय भी बैंक के रुख से अवगत रहेगा। एमएसएमई से जुड़े क्लाउड आधारित डाटा तैयार किया जाएगा जिसमें सभी एमएसएमई के लोन, भुगतान, ईएमआई, इंश्योरेंस, मार्केटिंग, खरीदारी, ऑर्डर जैसी तमाम जानकारियां होंगी और वह सार्वजनिक होगी। इस आधार पर लोन देने में आसानी होगी। देश भर के एमएसएमई को एक नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है।

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