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    गर्व की बात! 10 सालों में 11.8 करोड़ महिलाओं ने लिया पहली बार कर्ज, जानें कैसे खुद को बना रहीं आत्मनिर्भर

    पिछले 10 सालों में 11.8 करोड़ महिलाओं ने पहली बार कर्ज लिया जिससे उन्हें नए अवसर मिले। ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट के अनुसार दो दशकों में 71.40 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को कर्ज मिला है जिससे परिवारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम के महत्व पर जोर दिया।

    By Jagran News Edited By: Ashish Kushwaha Updated: Fri, 04 Jul 2025 12:40 AM (IST)
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    पिछले 10 सालों में 11.8 करोड़ महिलाओं ने लिया पहली बार कर्ज

    नई दिल्ली। पिछले 10 सालों के दौरान देश की 11.8 करोड़ महिलाओं ने पहली बार कर्ज लिया। इससे उन्हें ऐसे अवसर प्राप्त हुए जो पहले उनके लिए उपलब्ध नहीं थे।

    ट्रांसयूनियन सिबिल द्वारा यहां एक सम्मेलन में जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो दशकों के दौरान 71.40 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को किसी न किसी तरह का कर्ज मिला है। इसका देशभर के परिवारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

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    इस मौके पर मौजूद आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा, ''क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम आज एक प्रमुख तत्व के तौर पर काम करता है और यह न केवल अधिक ऋण तक पहुंच को प्रोत्साहित करता है बल्कि वित्तीय समावेशन का समर्थन करने के साथ ही वित्तीय स्थिरता को बढ़ाता है।'

    उन्होंने कहा कि टिकाऊ ऋण परि²श्य के मूल में एक सशक्त उपभोक्ता होता है, जो तभी सक्षम होता है जब हमारे पास वित्तीय रूप से जागरूक और साक्षर ग्राहक हों।

    ट्रांसयूनियन सिबिल के एमडी और सीईओ भावेश जैन के अनुसार, भारत का क्रेडिट इकोसिस्टम अधिक समावेशी, पारदर्शी और भविष्य के लिए तैयार हो रहा है।

    एक्सिस बैंक के एमडी और सीईओ अमिताभ चौधरी ने कहा, ''हमें वित्तीय साक्षरता में निवेश करना चाहिए, जिससे उधारकर्ताओं को क्रेडिट स्वास्थ्य और दीर्घकालिक वित्तीय नियोजन को समझने में मदद मिल सके।''