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रेटिंग एजेंसी Moody's ने वर्ष 2021 के लिए भारत की GDP Growth के अनुमान को घटाकर 9.6 फीसद किया

रेटिंग एजेंसी Moodys ने अपनी रिपोर्ट मैक्रो इकोनॉमिक्स-भारत कोरोना की दूसरी लहर से आर्थिक नुकसान पिछले वर्ष की तरह भयावह नहीं होगा में कहा कि प्रमुख आर्थिक संकेतक बताते हैं कि COVID-19 संक्रमण की दूसरी लहर ने अप्रैल और मई में भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 12:42 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 08:11 PM (IST)
रेटिंग एजेंसी Moody's ने वर्ष 2021 के लिए भारत की GDP Growth के अनुमान को घटाकर 9.6 फीसद किया
Moodys Investors Service P C : Flickr

नई दिल्ली, पीटीआइ। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) ने साल 2021 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ के अपने अनुमान को घटा दिया है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moodys Investors Service) ने बुधवार को कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) के अनुमान को अपने पिछले अनुमान 13.9 फीसद से घटाकर 9.6 फीसद कर दिया है। मूडीज ने कहा कि आर्थिक नुकसान को जून तिमाही तक सीमित रखने में तेज वैक्सीनेशन प्रक्रिया काफी अहम साबित होगी।

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रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट 'मैक्रो इकोनॉमिक्स-भारत: कोरोना की दूसरी लहर से आर्थिक नुकसान पिछले वर्ष की तरह भयावह नहीं होगा' में कहा कि प्रमुख आर्थिक संकेतक बताते हैं कि COVID-19 संक्रमण की दूसरी लहर ने अप्रैल और मई में भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। अब राज्यों द्वारा प्रतिबंधों में ढील दिये जाने के साथ ही आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ रही हैं।

मूडीज ने कहा, 'वायरस के दोबारा आने से साल 2021 के भारत के ग्रोथ अनुमान में थोड़ी अनिश्चितता आ गई है। हालांकि, ऐसा लगता है कि आर्थिक नुकसान अप्रैल-जून तिमाही तक ही सीमित रहेगा। हम 2021 में भारत की वास्तविक जीडीपी में 9.6 फीसद की ग्रोथ रेट होने की उम्मीद करते हैं और इसके साल 2022 में 7 फीसद रहने का अनुमान है।'

इस महीने की शुरुआत में मुडीज ने मार्च 2022 में खत्म होने वाले मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी में 9.3 फीसद की ग्रोथ रेट रहने का अनुमान व्यक्त किया था। लेकिन खतरनाक दूसरी लहर ने भारत की क्रेडिट प्रोफाइल के लिए जोखिम बढ़ा दिया है।

यहां बता दें कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में देश की विकास दर 1.6 फीसद पर रही। लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया। मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में देश की विकास चार फीसद पर रही थी।


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