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    PPF vs FD: बढ़िया रिटर्न पाने के लिए Investment का कौन-सा Option है बेहतर, बता रहे हैं एक्सपर्ट

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Sat, 26 Jun 2021 08:14 AM (IST)

    PPF vs Fixed Deposit भारत में सेविंग और इंवेस्टमेंट के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और बैंक एफडी (Bank FD) सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक हैं। वर्तमान में PPF पर 7.1 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है।

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    PPF पर मिलने वाला ब्याज हर तिमाही में चेंज हो सकता है।

    नई दिल्ली, बलवंत जैन। अगर आपने हाल में नौकरी ज्वाइन की है या किसी तरह का बिजनेस शुरू किया है, तो आप सेविंग और इंवेस्टमेंट के बेहतर विकल्पों की तलाश में होंगे। भारत में सेविंग और इंवेस्टमेंट के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और बैंक एफडी (Bank FD) सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक हैं। अब भी देश में बड़ी संख्या में ऐसी आबादी है जो इक्विटी और म्यूचुअल फंड में निवेश को जोखिम भरा मानती है और गारंटीड रिटर्न के लिए निवेश के विकल्पों के रूप में सावधि जमा (Fixed Deposit) यानी एफडी या फिर पीपीएफ जैसे इंस्ट्रुमेंट पर भरोसा दिखाती है।

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    हालांकि, बड़ी संख्या में लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि बचत और निवेश के लिए इन दोनों में से कौन सा विकल्प बेहतर है। आज हम इन दोनों इसंट्रुमेंट के बारे में एक के बाद एक चर्चा करते हैंः

    Public Provident Fund (PPF): यह भारत सरकार की एक बेहद लोकप्रिय स्कीम है। इस स्कीम के तहत आप अपने नाम से, अपनी पत्नी या बच्चे के नाम से अंशदान कर Income Tax में बेनिफिट ले सकते हैं। आप इस योजना के तहत एक खाते में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा करा सकते हैं। हालांकि, अगर आपने अपने और बच्चे दोनों के नाम पर अकाउंट खुलवाया है तो दोनों को मिलाकर एक साल में डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा का अंशदान नहीं कर सकते हैं।

    PPF पर मिलने वाला ब्याज हर तिमाही में चेंज हो सकता है। हर तिमाही की शुरुआत से पहले ब्याज दर की घोषणा होती है। वहीं, ब्याज हर वित्त वर्ष के आखिर में 31 मार्च को खाताधारक के अकाउंट में क्रेडिट होता है। इस स्कीम की मेच्योरिटी 15 साल की होती है। 15 साल के बाद आप पांच-पांच साल के कितनी भी बार इसे एक्सटेंड करा सकते हैं।

    तीन साल पूरे होने पर आप लोन ले सकते हैं और पांच साल पूरे होने के बाद आप आंशिक निकासी कर सकते हैं।

    वर्तमान में PPF पर 7.1 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। यह स्कीम एक्जेम्ट, एक्जेम्ट, एक्जेम्ट (EEE) की श्रेणी में आती है। इसका मतलब है कि आपको निवेश करने पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है। साथ ही इस योजना में निवेश से प्राप्त ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाली राशि दोनों पर टैक्स देय नहीं होता है।

    यह रिटायरमेंट फंड एवं बच्चों की शिक्षा के लक्ष्य के लिहाज से काफी बढ़िया इंवेस्टमेंट ऑप्शन है।

    Fixed Deposit: सावधि जमा (FD) बैंकों और एनबीएफसी का एक फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट है। इस इंस्ट्रुमेंट में पैसे डालने पर आपको मेच्योरिटी की अवधि तक सेविंग अकाउंट की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है। इसे टर्म डिपोजिट भी कहा जाता है। अगर आप पांच साल की अवधि के लिए फिक्स्ड डिपोजिट कराते हैं तो आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है।

    फिक्स्ड डिपोजिट एक तरह से लिक्विड फंड होता है। इमरजेंसी फंड भी फिक्स्ड डिपोजिट के रूप में रखा जा सकता है क्योंकि इस पर सेविंग अकाउंट से ज्यादा ब्याज मिलती है और आप जब चाहे इसे तोड़ सकते हैं।

    हालांकि, इस पर मिलने वाली ब्याज अगर एक सीमा से ज्यादा हो तो टीडीएस देय होता है।

    निष्कर्षः अगर आप निवेश और टैक्स बचत के लिहाज से सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले PPF में मिलने वाली डेढ़ लाख की सीमा का इस्तेमाल कर लेना चाहिए। इस पर आपको फिक्स्ड डिपोजिट से ज्यादा रिटर्न मिलता है। साथ ही इस पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स फ्री होता है।

    (लेखक टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)