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    जून के पहले दिन अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक और खुशखबरी, Manufacturing PMI 31 महीने के टॉप पर

    By Priyanka KumariEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Thu, 01 Jun 2023 12:25 PM (IST)

    PMI India हर महीने पीएमआई के आंकड़े जारी होते हैं। अगर पीएमआई के आंकड़े 50 फीसदी से कम होता है तब देश की अर्थव्यवस्था में नरमी की स्थिति आती है। आइए जानते हैं कि इस महीने पीएमआई के आंकड़े क्या हैं?

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    ManuFacutring PMI Data: Manufacturing pmi india hits 31 month high in may

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Manufacturing PMI India: अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े जानने के लिए कई बार पीएमआई शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। इसका पूरा नाम पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (Purchasing Managers Index) है। सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सेहत को मापने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसकी मदद से बाजार की सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

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    हर महीने पहली तारीख को पीएमआई के आंकड़े जारी किये जाते हैं। 

    क्या होता है पीएमआई?

    पीएमआई के जरिये मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में नौकरियां, ऑर्डर, बिजनेस एक्टिविटी को मापा जा सकता है। सर्विस पीएमआई बताने वाली एजेंसी ने मई महीने के पीएमआई आंकड़े जारी कर दिये हैं। इस बार पीएमआई इंडेक्स अप्रैल महीने के मुकाबले मई महीने में बढ़ा है। अप्रैल महीने में पीएणआई 57.2 था, जो अब बढ़कर 58.7 हो गया है। मई महीने में मैन्युफैक्चरिंग PMI 31 महीने के ऊपरी स्तर पर है।

    पीएमआई में क्यों आई तेजी?

    एसएंडपी ने अपने सर्वे में बताया है कि इस महीने पीएमआई के बढ़ने की वजह नए ऑर्डर मिलने और महंगाई कम होना है, इसीलिए ग्रोथ में जोरदार तेजी देखने को मिली है।

    एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की निदेशक ओलियाना डी लीमा ने कहा

    जहां घरेलू ऑर्डर में तेजी से अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत होती है, वहीं बाहरी कारोबार में बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देती है। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति मजबूत है। इस वजह से मई महीने में रोजगार के अधिक अवसर भी पैदा हुए हैं।

    भारत की अर्थव्यवस्था के लिए क्यों है पीएमआई जरूरी?

    पीएमआई सर्वे हर महीने होता है। इससे इनकम में हो रही बढ़ोत्तरी का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। इससे आर्थिक गतिविधियों के बारे में भी पता चल जाता है। जो लोग इंडस्ट्री का हिस्सा होते हैं, उनके लिए ये आंकड़े काफी जरूरी होते हैं। यानी पीएमआई एक तरह से इकोनॉमी में सेंटिमेंट को दिखाता है।