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    LIC के IPO में पैसे लगाने का कर रहे इंतजार, तो जानिए किस स्टेज में पहुंचा यह ऑफर

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Fri, 16 Jul 2021 06:51 AM (IST)

    सरकार ने LIC के IPO के लिए मर्चेंट बैंकर्स एवं लीगल एडवाइजर्स से निविदाएं आमंत्रित की है। DIPAM स्टेक सेल में सहायता उपलब्ध कराने और परामर्श देने के लिए 10 मर्चेंट बैंकर्स एवं एक लीगल कंपनी की नियुक्ति करेगा।

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    LIC के विनिवेश की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।

    नई दिल्ली, पीटीआइ। LIC के विनिवेश की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। सरकार ने इस प्रस्तावित मेगा इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के लिए मर्चेंट बैंकर्स एवं लीगल एडवाइजर्स से निविदाएं आमंत्रित की है। डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) स्टेक सेल में सहायता उपलब्ध कराने और परामर्श देने के लिए 10 मर्चेंट बैंकर्स एवं एक लीगल कंपनी की नियुक्ति करेगा। DIPAM द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि सरकार द्वारा आमंत्रित निविदाओं के जवाब में छह अगस्त तक बोली लगायी जा सकती है।

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    पिछले सप्ताह केंद्रीय कैबिनेट ने LIC के इनिशियल पब्लिक ऑफर लाने से जुड़े प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी थी। अब इस प्रस्तावित IPO का इश्यू साइज, प्रत्येक शेयर का निर्धारण और समय पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली समिति फैसला करेगी।

    LIC का IPO है बहुत महत्वपूर्ण

    सरकार के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिहाज से LIC की लिस्टिंग काफी अहम है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार मुख्य रूप से यह धनराशि अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री और निजीकरण के जरिए जुटाएगी।

    सरकार 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य में से एक लाख करोड़ रुपये पब्लिक सेक्टर बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए जुटाएगी। शेष 75,000 करोड़ रुपये CPSE कंपनियों के विनिवेश के जरिए जुटाया जाएगा।

    चालू वित्त वर्ष में अब तक सरकार 7,500 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। केंद्र सरकार एक्सिस बैंक में SUUTI स्टेक की बिक्री और NMDC के OFS के जरिए ये धनराशि जुटा चुकी है।

    अगले वर्ष तक आ सकती है पब्लिक ऑफर

    पिछले सप्ताह एक ऑफिशियल ने यह जानकारी दी थी कि LIC का IPO चालू वित्त वर्ष के अंत तक आ सकता है। LIC IPO के इश्यू साइज का 10 फीसद तक पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व रखा जा सकता है। इस प्रस्तावित पब्लिक ऑफर के लिए सरकार पहले ही एलआईसी कानून में जरूरी कानूनी संशोधन कर चुकी है। वहीं, IPO से पूर्व सौदे के सलाहकार के लिए डेलॉयट और एसबीआई कैप्स की नियुक्ति की गई है।