जानें आयुर्वेद के संरक्षण और आधुनिकीकरण में पतंजलि की क्या भूमिका है
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने आयुर्वेद को फिर से पॉपुलर बनाने में एक अहम भूमिका निभाई है। पंतजलि आयुर्वेद की शुरुआत रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा की गई है। पतंजलि ने आयुर्वेद को लेटेस्ट साइंटिफिक तरीकों से विकसित किया और इसे आम लोगों के लिए आसान और किफायती बना दिया है। इस तरह पंतजलि ने नए भारत में आयुवेद विकसित करने के लिए कई अहम कदम उठाएं

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जो हजारों सालों से चली आ रही है। लेकिन समय के साथ एलोपैथी और नई दवाइयों के कारण आयुर्वेद का महत्व कुछ कम हो गया था। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा शुरू किए गए पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने आयुर्वेद को दोबारा पॉपुलर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। पतंजलि ने आयुर्वेद को लेटेस्ट साइंटिफिक तरीकों से विकसित किया और इसे आम लोगों के लिए आसान और किफायती बना दिया।
आयुर्वेद का संरक्षण
पतंजलि ने पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथों में लिखी दवाओं और जड़ी-बूटियों को फिर से लोगों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया। बता दें कि आयुर्वेद की खासियत है कि इसमें जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक चीजों से इलाज किया जाता है। इसी तर्ज पर पतंजलि ने आयुर्वेदिक दवाएं, जूस, तेल, स्किन केयर प्रोडक्ट, टूथपेस्ट, शैंपू और कई अन्य उत्पाद बाजार में उतारे जिससे लोगों के लिए आयुर्वेदिक सामान का उपयोग आसान हो जाए।
आधुनिक तकनीक के साथ आयुर्वेद को जोड़ना
पहले लोग सोचते थे कि आयुर्वेद सिर्फ घरेलू नुस्खों तक सीमित है, लेकिन पतंजलि ने इसे वैज्ञानिक तरीके से पेश कर सबका विश्वास बना दिया। पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाओं को लेटेस्ट मशीनों से बड़े स्तर पर बनाया जाता है ताकि वो हर किसी को आसानी से मिल सकें।
आयुर्वेद को आम लोगों तक पहुंचाने का बेड़ा उठाया
पहले आयुर्वेदिक दवाएं सिर्फ विशेषज्ञ वैद्यों के पास मिलती थीं, लेकिन पतंजलि ने इसे सुपरमार्केट और किराना दुकानों तक पहुंचा दिया। अब लोग आयुर्वेदिक टूथपेस्ट, साबुन, शहद, आंवला जूस और घी जैसी चीजों को अपने रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही पतंजलि ने अपने प्रोडक्ट्स को सस्ते दामों पर बेचा, जिससे आम लोग भी इन्हें खरीद सकें। कंपनी के स्वदेशी आंदोलन ने भी इसे और भी लोकप्रिय बना दिया।
भविष्य में पतंजलि और आयुर्वेद
आने वाले समय में आयुर्वेद को और बेहतर बनाने और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ जोड़ने की जरूरत है। इसके लिए पतंजलि को बेहतर रिसर्च और ग्लोबल हेल्थ संगठनों के साथ काम करने की जरूरत है। हालांकि पतंजलि ने आयुर्वेद को दोबारा जीवित कर दिया है और इसे घर-घर तक पहुंचा भी दिया है मगर यह सिर्फ एक ब्रांड नहीं बल्कि एक स्वास्थ्य आंदोलन बन चुका है। आने वाले समय में, जब लोग प्राकृतिक और जड़ी-बूटी आधारित इलाज को ज्यादा अपनाएंगे, तब पतंजलि की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।
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