जानिए क्या है General Provident fund, सरकारी कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट फंड तैयार करने का है बेहतर माध्यम
General Provident fund में अप्रैल-जून 2020 तिमाही के दौरान 7.1 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड यानी GPF में निवेश करना जरूरी होता है। यह योजना कर्मचारी के लिए रिटायरमेंट फंड तैयार करने में काम आती है। सरकारी कर्मचारी को जीपीएफ अकाउंट में अपने वेतन का एक निश्चित हिस्सा डालना होता है। जीपीएफ फंड की रकम कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय मिलती है। जनरल प्रोविडेंट फंड में अप्रैल-जून 2020 तिमाही के दौरान 7.1 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। आइए जानते हैं कि जीपीएफ की क्या-क्या खास बातें हैं।
1. जीपीएफ केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है। निजी क्षेत्र के कर्मचारी इस योजना में निवेश नहीं कर सकते हैं।
2. केंद्र सरकार के कुछ सैलरी वर्ग के कर्मचारियों के लिए जीपीएफ में निवेश करना अनिवार्य होता है।
3. जीपीएफ में कर्मचारी को अपने वेतन का एक निश्चित भाग जमा करवाना होता है।
4. कर्मचारी को जीपीएफ अकाउंट खोलते समय नॉमिनी की सुविधा भी मिलती है।
5. इस योजना में जीपीएफ एडवांस नाम से ब्याज रहित लोन की सुविधा भी होती है।
6. कर्मचारी जीपीएफ एडवांस में ली गई रकम को मासिक किश्तों में वापस दे सकता है।
7. कर्मचारी अपनी जरूरत के मुताबिक कितनी भी बार जीपीएफ एडवांस के तहत निकासी कर सकता है।
8. इस योजना में कर्मचारी को अपने वेतन का तीन फीसद अनिवार्य रुप से जमा करना होता है।
9. जीपीएफ में कर्मचारी अपने वेतन के 3 फीसद अनिवार्य योगदान के अलावा 1-12 फीसद तक इच्छानुसार योगदान दे सकता है।
किसी भी वेतनभोगी कर्मचारी के लिए रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने हेतु एक पर्याप्त रिटायरमेंट फंड का निर्माण करना बेहद जरूरी होता है। जहां निजी कर्मचारी ईपीएफ के माध्यम से अपना रिटायरमेंट फंड तैयार करते हैं, तो वहीं सरकारी कर्मचारी जीपीएफ और पीएफ के जरिए अपने रिटायरमेंट फंड का निर्माण करते हैं। सरकारी कर्मचारी अपने जीपीएफ अकाउंट में स्वैच्छिक योगदान के फीसद को बढ़ाकर अपने रिटायरमेंट फंड का आकार बढ़ा सकते हैं।