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    किंगफिशर के ब्रांडों को नहीं मिला कोई खरीदार

    By Atul GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 30 Apr 2016 07:24 PM (IST)

    मुंबई में शनिवार को विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइन्स के ब्रांड और ट्रेडमार्कों की नीलामी में कोई खरीदार नहीं मिला। बैंकों ने कर्ज वसूली के लिए ये नीलामी रखी थी।

    मुंबई, प्रेट्र। किंगफिशर हाउस बेचने में नाकाम बैंकों को अब विजय माल्या की बंद पड़ी एयरलाइन के ब्रांडों का भी कोई खरीदार नहीं मिला। भारत से भाग चुके माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले बैंकों ने इसके ट्रेडमार्कों की नीलामी शनिवार को रखी थी।

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    इसमें किंगफिशर लोगो और एयरलाइन की टैगलाइन 'फ्लाई द गुड टाइम्स के अलावा फ्लाइंग मॉडल्स, फनलाइनर, फ्लाई किंगफिशर और फ्लाइंग बर्ड डिवाइस ट्रेडमार्क शामिल थे। नीलामी में इन सभी के लिए 366.70 करोड़ रुपये की रिजर्व कीमत तय की गई थी।


    किंगफिशर एयरलाइंस ने अपने सभी लोगो व ट्रेडमार्क कर्ज देने वाले बैंकों के पास गिरवी रखे थे। इनकी नीलामी पूरी तरह फ्लाप रही, क्योंकि इस रिजर्व कीमत पर कोई बोली लगाने वाला भी नहीं मिला। खास बात यह है कि एक समय अकेले किंगफिशर ब्रांड की कीमत ही 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लगाई गई थी। बैंकों ने एयरलाइन के सभी ब्रांडों और ट्रेडमार्कों को बंधक रखकर करीब 3,800 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था।

    यह दूसरा मौका है जब माल्या से कुछ रकम वसूलने की कोशिश में जुटा 17 बैंकों का कंसोर्टियम पूरी तरह नाकाम रहा है। इससे पहले एयरलाइन के मुख्यालय किंगफिशर हाउस की नीलामी में भी कोई बोली लगाने वाला नहीं आया था। इसके लिए 150 रुपये की रिजर्व कीमत तय की गई थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) इस कंसोर्टियम की अगुआई कर रहा है। इन सभी बैंकों का किंगफिशर पर करीब 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। सूत्रों का कहना है कि अब कर्जदाता बैंक किंगफिशर हाउस और ब्रांडों की कम रिजर्व प्राइस रखकर फिर से इनकी नीलामी की कोशिश करेंगे।


    माल्या दो मार्च को भारत से चुपचाप निकल गए थे। फिलहाल वह लंदन में रह रहे हैं। मनी लांड्रिंग जांच के मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुका है। उनका पासपोर्ट भी रद किया जा चुका है। भारत सरकार ने ब्रिटेन को पत्र लिखकर माल्या को वापस भेजने की मांग की है। ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए साक्षात्कार में माल्या ने कहा, 'मैं तो भारत लौटना चाहता हूं, मगर मेरे खिलाफ जिस तेजी से कार्रवाई की जा रही है मुझे नहीं पता कि सरकार आगे मेरे साथ क्या करेगी। मैं बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए भी तैयार हूं, मगर मेरा पासपोर्ट लेने या मुझे गिरफ्तार करने से उन्हें कुछ नहीं मिलने वाला है।

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