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    'ऑफिस आओ, या दूसरी नौकरी तलाश लो', WFH जारी रखने की मांग पर भड़के जेपी मॉर्गन चेस के CEO

    Updated: Mon, 17 Feb 2025 02:23 PM (IST)

    JPMorgan Work Policy 10 जनवरी को जेपी मॉर्गन चेस ने अपने 3.17 लाख कर्मचारियों को सूचित किया कि हाइब्रिड वर्क सिस्टम खत्म किया जा रहा है। फरवरी से सभी कर्मचारियों को पांच दिन ऑफिस आना होगा। इस फैसले के खिलाफ कई कर्मचारियों खासकर बैक-ऑफिस स्टाफ ने आवाज उठाई। उनका कहना है कि यह बदलाव वर्क-लाइफ बैलेंस पर बुरा असर डालेगा।

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    1,200 से अधिक कर्मचारियों ने जेपी मॉर्गन के रिटर्न-टु-ऑफिस नियम के खिलाफ याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन चेस (JPmorgan chase) के सीईओ जेमी डिमन (Jamie Dimon) ने कर्मचारियों की हाइब्रिड वर्क सिस्टम की मांग को सख्ती से खारिज कर दिया। कर्मचारियों ने कंपनी से 5-डे रिटर्न-टु-ऑफिस (RTO) पॉलिसी पर दोबारा विचार करने की गुजारिश की थी।

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    डाइमोन ने टाउन हॉल बैठक के दौरान कर्मचारियों की आंतरिक याचिका को सिरे से नकार दिया। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक डिमन ने सख्त लहजे में कहा, 'इस पर समय बर्बाद मत करो। मुझे कोई परवाह नहीं कि इस याचिका पर कितने लोग साइन करते हैं।' उन्होंने स्पष्ट कहा कि कर्मचारियों के पास दो विकल्प हैं। या वे ऑफिस आकर काम करें, या फिर दूसरी नौकरी तलाश लें।

    क्या है पूरा मामला?

    10 जनवरी को जेपी मॉर्गन चेस ने अपने 3.17 लाख कर्मचारियों को सूचित किया कि हाइब्रिड वर्क सिस्टम खत्म किया जा रहा है। फरवरी से सभी कर्मचारियों को पांच दिन ऑफिस आना होगा। इस फैसले के खिलाफ कई कर्मचारियों, खासकर बैक-ऑफिस स्टाफ ने आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि यह बदलाव वर्क-लाइफ बैलेंस पर बुरा असर डालेगा। इससे केयरगिवर्स, वरिष्ठ कर्मचारी, महिलाएं और दिव्यांग लोग काफी ज्यादा प्रभावित होंगे।

    सैकड़ों कर्मचारी ने उठाई आवाज

    1,200 से अधिक कर्मचारियों ने जेपी मॉर्गन के रिटर्न-टु-ऑफिस नियम के खिलाफ याचिका पर हस्ताक्षर किए। इसमें कहा गया कि इसका कर्मचारियों की मानसिक सेहत और कार्यकुशलता पर बुरा असर पड़ेगा। हालांकि, डाइमोन ने उनकी सभी दलीलों को एक झटके में खारिज कर दिया।

    रिमोट वर्क को लेकर डिमन की नाराजगी

    डिमन रिमोट वर्क के सख्त आलोचक रहे हैं। उनका मानना है कि इससे उत्पादकता में गिरावट आती है। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा, "मैंने COVID के बाद से हफ्ते में सातों दिन काम किया है। मैं ऑफिस आता हूं, तो बाकी लोग कहां हैं?"

    उन्होंने खासतौर पर शुक्रवार को वर्क-फ्रॉम-होम (WFH) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मुझे यह मत बताओ कि शुक्रवार को घर से काम करने से सब कुछ ठीक तरीके से चलता है। मैं कई लोगों को शुक्रवार को कॉल करता हूं, लेकिन कोई जवाब ही देने वाला नहीं होता।"

    कर्मचारी को निकाला, फिर वापस बुलाया 

    इससे पहले जेपी मॉर्गन चेस के एक एनालिस्ट निकोलस वेल्च को डिमन की RTO पॉलिसी पर सवाल उठाने के तुरंत बाद निकाल दिया गया था। वेल्च तलाक से गुजर रहे हैं और वह काम में फ्लेक्सबिलिटी चाहते थे। उनका कहना था कि कि निचले स्तर के मैनेजर्स को यह तय करने देना चाहिए कि कर्मचारियों को कितने दिन ऑफिस बुलाया जाए।

    उनकी बात पर कर्मचारियों ने तालियां बजाईं, लेकिन डिमन ने इस सुझाव को तुरंत खारिज कर दिया। इस मीटिंग के तुरंत बाद वेल्च के सुपरवाइजर ने उन्हें ऑफिस छोड़ने के लिए कह दिया। हालांकि, कुछ घंटे बाद एक सीनियर एग्जीक्यूटिव ने इस फैसले को पलट दिया और उन्हें फिर से नौकरी पर रख लिया।

    जेपी मॉर्गन में छंटनी की तैयारियां

    RTO विवाद के साथ-साथ जेपी मॉर्गन चेस ने छंटनी की तैयारी भी शुरू कर दी है। 2025 की डाउनसाइजिंग प्लानिंग योजना के तहत फरवरी में 1,000 से कम कर्मचारियों की छंटनी होगी। इसके बाद, मार्च, मई, जून, अगस्त और सितंबर में और कटौती की जाएगी।

    बैंक के अनुसार, यह छंटनी कुल वर्कफोर्स का केवल सिर्फ 0.3 होगी। हालांकि, जेपी मॉर्गन कुछ क्षेत्रों में नए कर्मचारियों की भर्ती जारी रखेगा और प्रभावित कर्मचारियों को अन्य विभागों में ट्रांसफर करने की योजना बना रहा है।

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