काले धन को सफेद कर रहे हैं ज्वैलर्स, ब्लैक मार्केट में सोने की कीमत हुईं दोगुना
नोटबंदी के दूसरे दिन यानी नौ नवंबर को आयकर विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली के कनाट प्लेस में स्थित एक बड़े ज्वैलर्स की दुकान पर छापा मारा।
नई दिल्ली (जयप्रकाश रंजन): देश में 500 व 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगने के दूसरे दिन यानी नौ नवंबर को आयकर विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली के कनाट प्लेस में स्थित एक बड़े ज्वैलर्स की दुकान पर रात के एक बजे छापा मारा। दुकान का शटर डाउन था। बाहर महंगी गाड़ियों की भीड़ थी। लेकिन बंद शो रूम के भीतर दर्जनों लोगों की भीड़ थी। वहां एकत्रित लोगों का एकमात्र उद्देश्य ब्लैक में रखे गये नकदी को सफेद करना था। स्वर्ण आभूषण या सोने के बिस्किट खरीदने का काम बरकरार है। ब्लैक मार्केट में सोने की कीमत तकरीबन दोगुनी हो चुकी है।
आयकर विभाग के अधिकारी बताते हैं कि उन्हें इस बात की खबर मिल रही है कि देश के कई हिस्सों में सोने के जरिये ब्लैक मनी को सफेद किया जा रहा है। यही वजह है कि पिछले एक हफ्ते के दौरान कम से कम एक दर्जन शहरों में सोने के कारोबार से जुड़े कारोबारियों पर छापे मारे गये हैं।
लेकिन इस तरह का धंधा पूरी तरह से गोपनीय तरीके से चल रहा है। जब जांच एजेंसियों ने सख्ती दिखाई तो पूरे देश के बुलियन बाजार में बंदी जैसी स्थिति पैदा कर दी गई है। दैनिक जागरण ने इस बारे में जब पड़ताल की तो पता चला कि सोने में दो तरह से काले धन को सफेद करने का काम चल रहा है। एक तो लोग ब्लैक मनी जान पहचान वाले सोने के कारोबारियों के पास जमा करा रहे हैं उनसे चेक ले रहे हैं।
कागज में दिखाया जा रहा है कि उक्त कारोबारी के पास इन्होंने अपनी व्यक्गित वैलरी को बेचा है। पिछली तारीख के चेक का लेनदेन हो रहा है ताकि बैंक में जमा कराने के समय ऐसा न लगे कि नोट पाबंदी के फैसले के बाद ऐसा किया गया है। दूसरा तरीका यह है कि 40 हजार रुपये के सोने के बदले नकदी 60-70 हजार रुपये दिए जाएं। ब्लैक मनी रखने वाले लोग इस उम्मीद में यह काम कर रहे हैं कि 30 फीसद टैक्स और जुर्माना देने से अछा है कि यहां पैसे लगाओ भले ही कुछ वर्ष बाद जब सोने की कीमत उस स्तर पर पहुंचे तो निवेशित पूरी राशि वापस आ जाएगी।
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