Jet Airways: पहले प्लेन जब्त और अब मुंबई का आलीशान ऑफिस भी गया, और बुरे दौर में पहुंची नरेश गोयल की कंपनी
साल 2019 से बंद पड़ी एयरलान कंपनी जेट एयरवेज़ ने बताया कि उसने मुंबई स्थित अपने ऑफिस स्पेस की लीज एक संस्था को ट्रांसफर करने के लिए एक समझौता किया है। कंपनी ने बताया कि इस लीज की लागत 370.25 करोड़ रुपये है और इसेपार्थोस प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किया जाएगा।
नई दिल्ली। नकदी संकट के दौर से गुजर रही और 6 साल से बंद पड़ी एयरलान कंपनी जेट एयरवेज़ (Jet Airways) अब अपने ऑफिस का सौदा करने जा रही है। दरअसल, कंपनी ने बताया कि उसने मुंबई स्थित अपने ऑफिस स्पेस की लीज एक संस्था को 370 करोड़ रुपये की रकम में ट्रांसफर करने के लिए एक समझौता किया है। एक्सचेंज को दी फाइलिंग के अनुसार, प्रस्तावित लीज ट्रांसफर, मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) से अनुमोदन के अधीन है, और इसे दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) और लिक्विडेशन रेगुलेशन्स के प्रावधानों के तहत किया जा रहा है।
25 सालों से भारत की एविएशन इंडस्ट्री में बड़ा रसूख रखने वाली जेट एयरवेज पिछले 6 सालों से बंद पड़ी है। भारी कर्ज और आर्थिक परेशानियों के कारण अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज ने ऑपरेशन बंद कर दिया था और इसके बाद, क्रेडिटर्स ने इस एयरलाइन को आईबीसी के तहत समाधान के लिए भेज दिया।
कंपनी ने फाइलिंग में क्या कहा
कंपनी की ओर से दी गई फाइलिंग में कहा गया है, "कंपनी ने पट्टे पर दिए गए परिसर, ऑफिस नंबर 201, जो C-68, G-ब्लॉक, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, मुंबई में स्थित बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर स्थित है। कंपनी ने इस बारे में संबंधित अधिकारों को स्थानांतरित करने के लिए असाइनमेंट डीड और अन्य संबंधित दस्तावेजों को निष्पादित किया है, जो मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी की मंजूरी के अधीन है।"
कंपनी ने बताया कि इस लीज की लागत 370.25 करोड़ रुपये है और इसेपार्थोस प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किया जाएगा। जेट एयरवेज के मुख्य वित्तीय अधिकारी रमेश सुंदरम द्वारा हस्ताक्षरित और 26 अगस्त की तारीख वाला एक पत्र बीएसई को फाइलिंग के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
बता दें कि वर्तमान में जेट एयरवेज के शेयरों में कारोबार भी निलंबित है। एक समय जेट एयरवेज के पास 120 से ज्यादा विमान थे। बता दें कि दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत, बोली जीतने वाली पार्टी कई मुद्दों के कारण समाधान योजना को लागू करने में असमर्थ रही और लंबी कानूनी कार्यवाही के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 में इस एयरलाइन कंपनी के परिसमापन का आदेश दिया।
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