Income Tax Return: सीनियर सिटिजन को ITR फाइल करते समय मिलती है टैक्स में छूट, ऐसे पेश करें दावेदारी
ITR Filing 2023 आज से साल का 7वां महीना जुलाई शुरू हो गया है। इस महीने में कई वित्त काम के लिए आखिरी मौका दिया गया है। इस महीने आपको आईटीआर फाइल करना जरूरी है। आप 31 जुलाई 2023 तक आईटीआर फाइल कर सकते हैं। इनकम टैक्स एक्ट में सीनियर सिटिजन के लिए कई सेक्शन है। इन सेक्शन में उन्हें कई तरह के टैक्स कटौती का लाभ मिलता है।
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। भारत के सभी नागरिक को हर साल टैक्स देना होता है। इसी के साथ उन्हें अपनी कमाई के सभी सोर्स के बारे में भी बताना होता है। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कर कानून बनाए हैं। इसमें देश के प्रत्येक वर्ग के लिए कानून बनाया गया है।
देश का आयकर कानून सीनियर सिटीजन को कई कर लाभ की सुविधा देते हैं। इस तरह के लाभ पर केवल भारतीय का ही अधिकार होता है। इसमें एडवांस टैक्स,स्टैंडर्ड डिडक्शन, मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के तहत कटौती, बैंक और डाकघर से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स कटौती की जाती है।
इस साल से टैक्स की दो रिजीम को लागू कर दिया गया है। इसमें सीनियर सिटीजन को 3 लाख पर और अति वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है। वहीं नई कर व्यवस्था में सीनियर सिटीजन के लिए अलग से कोई सीमा तय नहीं की गई है। सीनियर सिटिजन और अति वरिष्ठ नागरिकों को 2.5 लाख रुपये तक का टैक्स छूट मिलेगा।
कितने की मिलेगी छूट
सीनियर सिटिजन और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट अलग अलग है। अगर कोई भी सीनियर सिटीजन पुरानी कर व्यवस्था के ऑप्शन को सिलेक्ट करते हैं तो उनको उसी के हिसाब से टैक्स छूट मिलती है। इसमें 60-80 के उम्र वाले व्यक्ति को 3 लाख रुपये का छूट मिलता है। वहीं 80 साल से ज्यादा के आयु वाले व्यक्ति को 5 लाख रुपये की छूट मिलती है।
आपको बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट के 80TTB के तहत ही सीनियर सिटीजन को छूट दिया जाता है। इसमें मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम कटौती के ऑप्शन को चुना जा सकता है।
वहीं, आयकर अधिनियम की धारा 80 डी के अनुसार अगर कोई भी व्यक्ति गंभीर बीमारी वाला बीमा खरीदते हैं तो उन्हें इसके प्रीमियम पर टैक्स की कटौती का ऑप्शन मिलता है। 60 साल से ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति 1 लाख रुपये तक का टैक्स लाभ ले सकते हैं।
सभी सीनियर सिटीजन को इन टैक्स कटौती का लाभ उठाना चाहिए। अगर ज्यादा टैक्स कट जाता है तब करदाता आईटीआर दाखिल करते समय इसकी जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद अतिरिक्त टीडीएस के रिफंड मिल जाता है।