Income Tax Return: 10 सालों में दोगुने हुए आईटीआर भरने वाले, 2023-24 में 7.41 करोड़ लोगों ने भरा इनकम टैक्स रिटर्न
देश में बीते 10 सालों में सभी प्रकार के वर्गों की आय में इजाफा हुआ है। इनकम टैक्स विभाग की तरफ से आंकड़े जारी किए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021-22 में इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या 6.37 करोड़ हो गई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों से पिछले 10 सालों में सभी प्रकार के वर्गों की आय में बढ़ोतरी हुई है। इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने वालों की संख्या में होने वाली भारी बढ़ोतरी इस बात की स्पष्ट गवाही दे रही है।
गुरुवार को इनकम टैक्स विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, मूल्यांकन वर्ष 2013-14 में व्यक्तिगत रूप से आईटीआर भरने वालों की संख्या 3.36 करोड़ थी, जो मूल्यांकन वर्ष 2021-22 में 6.37 करोड़ हो गई और जारी मूल्यांकन वर्ष 2023-24 में अप्रैल से लेकर अब तक 7.41 करोड़ आईटीआर भरे जा चुके हैं।
53 लाख लोगों ने पहली बार भरा नामांकन
इनमें पहली बार आईटीआर भरने वालों की संख्या 53 लाख है। यानी कि पिछले दस सालों में आईटीआर भरने वालों की संख्या में 100 प्रतिशत यानी दोगुने से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। विभाग के मुताबिक, सभी प्रकार के आय वर्ग वालों की तरफ से भरे जाने वाले आईटीआर की संख्या बढ़ रही है।
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औसत आय में 56 फीसदी बढ़ोतरी
विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, मूल्यांकन वर्ष 2013-14 से लेकर मूल्यांकन वर्ष 2021-22 के दौरान व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स की कुल औसत आय में 56 प्रतिशत की बढोतरी हुई। औसतन पांच से 10 लाख की कुल सालाना आय वालों की तरफ से भरे जाने वाले आईटीआर की संख्या में मूल्यांकन वर्ष 2013-14 से लेकर मूल्यांकन वर्ष 2021-22 के बीच 295 प्रतिशत तो 10 लाख से 20 लाख सालाना आय वालों के आईटीआर की संख्या में 291 प्रतिशत का इजाफा रहा। टैक्स के योगदान में निचले तबके के लोगों की हिस्सेदारी भी लगातार बढ़ रही है। मूल्यांकन वर्ष 2013-14 में पांच लाख तक की आय वाले 2.62 करोड़ आइटीआर भरे गए थे। मूल्यांकन वर्ष 2021-22 में सालाना पांच लाख आय वर्ग के आइटीआर की संख्या बढ़कर 3.47 करोड़ हो गई। यानी कि 32 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी हुआ खासा इजाफा
इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक, नियमों के सरलीकरण और लोगों की आय बढ़ने से प्रत्यक्ष कर के संग्रह में भी पिछले नौ सालों में खासा इजाफा दिख रहा है। वित्त वर्ष 2013-14 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.38 लाख करोड़ का था जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 16.61 लाख करोड़ हो गया।
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