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    ITR: आय और लेनदेन में अंतर है तो भर दें संशोधित रिटर्न, आईटीआर फाइल करने से पहले चेक करें एआईएस

    आयकर विभाग की तरफ से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आपकी आय और दिए गए टैक्स में अंतर को लेकर कोई एसएमएस या ई-मेल प्राप्त हुआ है तो आप आगामी 31 दिसंबर तक संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। रिटर्न फाइल करने से पहले एनुअल इंफार्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) को जरूर देख लें। आइए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं।

    By Jagran News Edited By: Priyanka Kumari Updated: Wed, 18 Dec 2024 12:39 PM (IST)
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    31 दिसंबर तक फाइल करें संशोधित रिटर्न

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर आयकर विभाग की तरफ से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आपकी आय और दिए गए टैक्स में अंतर को लेकर कोई एसएमएस या ई-मेल प्राप्त हुआ है तो आप आगामी 31 दिसंबर तक संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। संशोधित रिटर्न भरने से पहले विभाग की तरफ से जारी होने वाले अपने एनुअल इंफार्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) को जरूर देख लें, जिसमें आपकी आय और आपके लेनदेन का विवरण दिया गया है। रिटर्न में दिखाई गई आपकी आय अगर इस विवरण से मेल नहीं खाती है तो विभाग आपको 31 दिसंबर तक संशोधित रिटर्न भरने का मौका दे रहा है।

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    इसी तरह अगर वित्त वर्ष 2021-22 के रिटर्न को लेकर आपको कोई ई-मेल या एसएमएस आया है तो उसके संशोधित रिटर्न के लिए विभाग अगले साल 31 मार्च तक का मौका दे रहा है।

    विभाग का कहना है कि अगर आयकरदाता एआईएस में दिए गए विवरण से सहमत नहीं है तो वह इस संबंध में अपना फीडबैक भी पोर्टल पर दे सकता है। विभाग का कहना है कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनके एआईएस में अधिक मूल्य वाले लेनदेन दिख रहे हैं, लेकिन उन्होंने कोई आईटीआर दाखिल नहीं किया है या फिर उस ट्रांजेक्शन के हिसाब से अपनी आय को नहीं दर्शाया है।

    विभाग ने कहा है कि लोग रिटर्न दाखिल करने के लिए मौके का फायदा उठा सकते हैं और देश के आर्थिक विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। इनकम टैक्स विभाग पिछले कुछ सालों से नॉन फाइलर मानिटरिंग सिस्टम के जरिये आय की तुलना में कम टैक्स भरने वालों पर भी कड़ी नजर रख रहा है। विभाग अपनी प्रणाली से उन लोगों को भी पहचान कर रहा है, जिन्होंने पिछले चार सालों में घूमने-फिरने के साथ ज्वैलरी व अन्य खरीदारी में भारी नकदी का इस्तेमाल किया है, लेकिन वे कोई टैक्स नहीं दे रहे हैं।

    आयकर विभाग ने जारी किया FAQ

    न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार आयकर विभाग ने कहा है कि 22 जुलाई, 2024 तक लंबित सभी अपीलें (चाहें उनका निपटारा कर दिया गया हो या उन्हें वापस ले लिया गया हो) विवाद से विश्वास योजना के तहत पात्र होंगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने विवाद से विश्वास योजना, 2024 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) का एक नया सेट जारी किया है, जिसके तहत विवाद समाधान योजना का लाभ उठाने के इच्छुक करदाताओं को 31 दिसंबर तक घोषणापत्र दाखिल करना जरूरी है।

    सीबीडीटी ने कहा कि उसे योजना के बारे में कई प्रश्न प्राप्त हुए हैं और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न जागरूकता पैदा करने में मदद करेंगे। सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई करदाता विवाद से विश्वास योजना के तहत आवेदन करने के लिए पात्र था और उसकी अपील 22 जुलाई, 2024 तक लंबित थी (भले ही करदाता द्वारा घोषणा दाखिल करने से पहले अपील का निपटारा कर दिया गया हो) तो ऐसे मामलों को योजना के तहत निपटान के लिए पात्र माना जाएगा और विवादित कर की गणना उसी तरह से की जाएगी जैसे कि अपील का निपटारा होना बाकी है।

    सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि विवादित राशि की कम दर भुगतान की पात्रता के लिए 31 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले घोषणा दाखिल करना जरूरी है न कि उस तिथि से पहले भुगतान करना।