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    NBFC के लिए बैंक लाइसेंस मांगना ठीक नहीं, RBI के डिप्टी गवर्नर ने बजाज फिनसर्व के चेयरमैन की मांग को नकारा

    आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने NBFC से बैंकों में परिवर्तित होने की मांग के बारे में भी बात की और कहा कि एनबीएफसी को कुछ फायदे मिलते हैं। राव ने कहा एनबीएफसी कुछ खास आर्थिक कार्य करने वाली विशिष्ट कंपनियों के रूप में विकसित हुई हैं और बैंक जैसा बनने की मांग करना उनके लिए अस्वाभाविक है।

    By Agency Edited By: Yogesh Singh Updated: Fri, 09 Feb 2024 07:10 PM (IST)
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    NBFC के लिए बैंक लाइसेंस मांगना ठीक नहीं

    पीटीआई, नई दिल्ली। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने शुक्रवार को कहा कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिए बैंक लाइसेंस मांगना ठीक नहीं है। राव ने कहा कि इसके पीछे एक बड़ी वजह यह है कि एनबीएफसी को पहले ही कुछ नियामकीय लाभ हासिल हैं।

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    राव की यह टिप्पणी बजाज फिनसर्व के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव बजाज के भाषण के ठीक बाद आई है। बजाज ने कहा था कि कम से कम कुछ एनबीएफसी के लिए बैंक लाइसेंस के बारे में सोचा जाना चाहिए।

    खासतौर से उनके बारे में जिन्होंने 10 साल पूरे कर लिए हैं और अनुपालन जरूरतों को पूरा किया है। उद्योग संगठन सीआईआई के एक कार्यक्रम में राव ने छोटी राशि के कर्ज देने वाले ऋणदाताओं पर इस बात के लिए निशाना साधा कि नियामक ने उन्हें ब्याज दरों पर जो आजादी दी है, वे उसका दुरुपयोग करके अधिक ब्याज वसूलते हैं। उन्होंने सीधे ऋण देने वाले प्लेटफार्म पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी कुछ व्यावसायिक गतिविधियां लाइसेंस दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं हैं, और यह स्पष्ट किया कि ऐसे उल्लंघन स्वीकार्य नहीं हैं।

    डिप्टी गवर्नर ने एनबीएफसी से बैंकों में परिवर्तित होने की मांग के बारे में भी बात की और कहा कि एनबीएफसी को कुछ फायदे मिलते हैं। राव ने कहा एनबीएफसी कुछ खास आर्थिक कार्य करने वाली विशिष्ट कंपनियों के रूप में विकसित हुई हैं और बैंक जैसा बनने की मांग करना उनके लिए अस्वाभाविक है।

    राव ने कहा कि आरबीआई (RBI) अधिक संख्या में एनबीएफसी को जमा स्वीकार करने की अनुमति देने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने बताया कि एक भी नया लाइसेंस नहीं दिया गया है और जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी की संख्या 200 से कम होकर अब केवल 26 रह गई है।

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