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    क्या Starbucks भारत में समेट रही अपना बिजनेस? Tata Consumer ने बताई पूरी बात

    Updated: Fri, 20 Dec 2024 01:29 PM (IST)

    कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि स्टारबक्स भारतीय बाजार में अपना कामकाज बंद करने वाली है। इसकी वजह कंपनी की ऑपरेशन कॉस्ट और घाटा लगातार बढ़ रहा है। साथ ही लोकल कैफे चेन के बढ़ने से प्रतिस्पर्धा बढ़ी है जिसका असर स्टारबक्स के मुनाफे पर पड़ा है। अब इन अटकलों पर टाटा कंज्यूमर ने सफाई दी है जिसका स्टारबक्स के साथ भारत में ज्वाइंट वेंचर है।

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    स्टारबक्स के पास सितंबर 2024 के आखिर में 70 शहरों में 457 स्टोर थे।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से अटकलें लग रही थीं कि अमेरिका की स्टारबक्स कॉर्पोरेशन भारतीय बाजार से बाहर निकल सकती है। इसकी वजह कंपनी के लगातार बढ़ते घाटे को बताया जा रहा था। स्टारबक्स का भारत में टाटा ग्रुप की टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) के ज्वाइंट वेंचर है, जो देश के सबसे मशहूर कैफे चेन में शामिल है। इसमें दोनों कंपनियों की आधी-आधी हिस्सेदारी है। दरअसल, वित्त वर्ष 2023-24 में स्टारबक्स और टाटा कंज्यूमर के ज्वाइंट वेंचर का घाटा 79.97 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 24.97 करोड़ रुपये था।

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    टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने क्या कहा?

    टाटा कंज्यूमर ने गुरुवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में कैफे चेन स्टारबक्स के भारतीय बाजार से बाहर निकलने की खबरों का खंडन किया और इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है। स्टारबक्स उन रिपोर्ट पर रिस्पॉन्स दे रही थी, जिनमें कहा गया था कि अमेरिकी कंपनी ऑपरेशनल कॉस्ट और घाटा बढ़ने के साथ बाजार में सस्ते स्थानीय विकल्पों के चलते कारोबार बंद करने पर विचार कर रही है।

    पिछले महीने टाटा कंज्यूमर के एमडी और सीईओ सुनील डिसूजा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका फोकस स्टारबक्स कैफे चेन को बढ़ाने पर रहेगा। वह अभी के लिए स्टोर का मुनाफा बढ़ाने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। डिसूजा ने नवंबर के आखिरी हफ्ते में कहा था, "स्टारबक्स के साथ हमारा नजरिया बिल्कुल साफ है। हमारे लिए स्टोर की प्रॉफिटेबिलिटी को मुद्दा नहीं है। हमें पता है कि हमारा कारोबार जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, हम इससे मुनाफा भी कमा सकते हैं।'

    स्टारबक्स के स्टोर और वित्तीय प्रदर्शन

    स्टारबक्स के पास सितंबर 2024 के आखिर में 70 शहरों में 457 स्टोर थे। कंपनी अगले चार साल में स्टोर की संख्य बढ़ाकर 1,000 तक ले जाना चाहती है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 12 फीसदी बढ़कर 1,218.06 करोड़ हो गया था। हालांकि, कंपनी स्टोर बढ़ाने पर भी लगातार फोकस कर रही है। इसलिए इसका घाटा 24.97 करोड़ से बढ़कर 79.97 करोड़ रुपये हो गया।

    बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म टोफ्लर के डेटा के मुताबिक, स्टारबक्स का विज्ञापन पर खर्च 26.8 प्रतिशत बढ़कर 43.20 करोड़ रुपये हो गया और रॉयल्टी 86.15 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। स्टारबक्स ने अक्टूबर 2012 में टाटा ग्रुप के साथ ज्वाइंट वेंचर के जरिए भारत में एंट्री की थी। भारत में पहला स्टारबक्स स्टोर मुंबई की एलफिंस्टन बिल्डिंग में खोला गया था।

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