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    इरडा के चेयरमैन देबाशीष पांडा बोले, स्वास्थ्य बीमा उत्पादों का मूल्य ज्यादा; इसे कम करने की है जरूरत

    पांडा के मुताबिक तकनीक की मदद से स्वास्थ्य बीमा का मूल्य कम करने की कोशिश हो रही है। सभी बीमा कंपनियों से कम मूल्य वाले उत्पाद लाने के लिए कहा गया है। इरडा की तरफ से बीमा सुगम नामक प्लेटफार्म विकसित किया गया है।

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2022 08:50 PM (IST)
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    इरडा चेयरमैन ने कहा- स्वास्थ्य बीमा का दायरा बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कई कदम

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने कहा है कि स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की कीमत बड़ी चुनौती है और यह समाज के अधिकतर लोगों की पहुंच के बाहर है। इसलिए स्वास्थ्य बीमा उत्पादों का मूल्य कम करने की जरूरत है। स्वास्थ्य बीमा के प्रति लोगों में भरोसा पैदा करने की भी जरूरत है, ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य बीमा खरीदें। इन चुनौतियों से निपटने के लिए इरडा की तरफ से कई प्रयास किए जा रहे हैं।

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    इरडा चेयरमैन ने कहा कि 2047 तक देश के सभी नागरिक को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा गया है। बीते पांच वर्षो में स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में औसतन 19 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हो रही है, जबकि इस क्षेत्र में 30-35 प्रतिशत बढ़ोतरी की गुंजाइश है। पांडा के मुताबिक, कोरोना काल में 27 लाख लोगों ने स्वास्थ्य बीमा के तहत 24,000 करोड़ रुपये का क्लेम लिया है।

    तकनीक की मदद से स्वास्थ्य बीमा का मूल्य कम करने की हो रही है कोशिश

    पांडा के मुताबिक, तकनीक की मदद से स्वास्थ्य बीमा का मूल्य कम करने की कोशिश हो रही है। सभी बीमा कंपनियों से कम मूल्य वाले उत्पाद लाने के लिए कहा गया है। इरडा की तरफ से बीमा सुगम नामक प्लेटफार्म विकसित किया गया है। इस एक ही प्लेटफार्म पर ग्राहक बीमा खरीद भी सकेगा और क्लेम भी कर सकेगा। बीमा कंपनियां अपनी सेवा भी इसी प्लेटफार्म से ग्राहकों को देंगी।

    अभी देश में स्वास्थ्य बीमा से जुड़ी स्टैंडलोन सिर्फ छह कंपनियां

    स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को बुजुर्गों के इलाज के साथ पुरानी बीमारी को कवर करने वाले उत्पाद बाजार में लाने के लिए कहा गया है। क्लेम निपटान की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए इरडा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने एक वर्किंग कमेटी का गठन किया है। इरडा चेयरमैन के मुताबिक, अभी देश में स्वास्थ्य बीमा से जुड़ी स्टैंडलोन सिर्फ छह कंपनियां हैं। जल्द ही नई कंपनियों को मंजूरी मिल सकती है।