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    शेयर बाजार में निवेश से बढ़िया रिटर्न के लिए तैयार रखिए रुपये, आने वाले हैं 55,000 करोड़ रुपये के IPO

    चालू वित्त वर्ष में वित्तीय सेवा कंपनियां शेयर बिक्री कर पूंजी बाजार से 55000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने की तैयारी में हैं। इनमें फाइनेंशियल सर्विसेज और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी दोनों तरह की एक दर्जन से अधिक कंपनियां हैं।

    By Ankit KumarEdited By: Updated: Mon, 14 Jun 2021 01:30 PM (IST)
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    IPO के आकार के मामले में निश्चित रूप से इस दौड़ में सबसे आगे पेटीएम है।

    मुंबई, पीटीआइ। चालू वित्त वर्ष में वित्तीय सेवा कंपनियां शेयर बिक्री कर पूंजी बाजार से 55,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने की तैयारी में हैं। इनमें फाइनेंशियल सर्विसेज और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी दोनों तरह की एक दर्जन से अधिक कंपनियां हैं। निवेश बैंकरों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल, 2021-मार्च,2022) में सबसे बड़े प्रारंभिक पब्लिक ऑफर (आइपीओ) की तैयारी पेटीएम की है, जो पूंजी बाजार से 22,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। सूत्रों के अनुसार कॉमर्शियल बैंकिंग, नॉन-बैंक, माइक्रोफाइनेंस, हाउसिंग फाइनेंस व पेमेंट बैंक कंपनियों ने आइपीओ के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा किए हैं। आने वाले महीनों में इनमें से फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर की कंपनियां ही आइपीओ बाजार में दबदबा बनाने वाली हैं।

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    जिन कंपनियों ने पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेयरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल कर दिया है, उनमें आधार हाउसिंग फाइनेंस (7,500 करोड़ रुपये), पॉलिसी बाजार (4,000 करोड़ रुपये) तथा एप्टस हाउसिंग फाइनेंस (3,000 करोड़ रुपये) प्रमुख हैं। डीआरएचपी में कंपनी के प्रस्तावित आइपीओ का पूरा खाका पूंजी बाजार नियामक के समक्ष पेश किया जाता है।

    स्टार हेल्थ इंश्योरेंस (2,000 करोड़ रुपये), आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी (1,500-2,000 करोड़ रुपये), आरोहन फाइनेंशियल सर्विसेज (1,800 करोड़ रुपये), फ्यूजन माइक्रोफाइनेंस (1,700 करोड़ रुपये), फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक (1,330 करोड़ रुपये), तमिलनाड मर्केटाइल बैंक (1,000-1,300 करोड़ रुपये), मेडि असिस्ट (840 करोड़ रुपये) और जन स्मॉल फाइनेंस बैंक (700 करोड़ रुपये) की तरफ से भी सेबी को डीआरएचपी हासिल हो चुके हैं।

    आइपीओ के आकार के मामले में निश्चित रूप से इस दौड़ में सबसे आगे पेटीएम है, जो 22,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। अगर ऐसा होता है तो यह देश में अब तक का सबसे बड़ा आइपीओ होगा। इससे पहले सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) ने आइपीओ के माध्यम से वर्ष 2010 में 15,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।

    जानकारों का मानना है कि पिछले कुछ समय के दौरान शेयर बाजारों में जिस तरह का उछाल दिखा है, उसे देखते हुए कई कंपनियां आइपीओ लांच करने की तैयारी में जुट गई हैं। हालांकि इस तरह के माहौल में निवेशकों के लिए अच्छा यही रहता है कि वे बेहद सतर्कता के साथ किसी भी नई कंपनी में निवेश करें।

    कोच्चि में जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि आइपीओ की सफलता या विफलता का सीधा असर शेयर बाजारों पर दिखता है। अगर शेयर बाजार का रुख ऊपर की ओर है तो निवेशक बड़ी संख्या में आइपीओ की ओर आकर्षित होते हैं। खासतौर पर नए निवेशकों को यह कमाई का बड़ा मौका लगता है। वैसे, जब बाजार चढ़ रहा होता है तब आने वाला आइपीओ अमूमन निवेशकों को निराश नहीं करता है।

    इस सप्ताह आएंगे चार आइपीओ

    दो महीने बाद पटरी पर आते दिख रहे आइपीओ बाजार में सोमवार से शुरू हो रहे सप्ताह के दौरान चार कंपनियां किस्मत आजमाएंगी। ये कंपनियां कुल 9,123 करोड़ रुपये जुटाने वाली हैं। इससे पहले सात अप्रैल को मेक्रोटेक डेवलपर्स (पूर्ववर्ती नाम लोढ़ा डेवलपर्स) ने आइपीओ लांच किया था। इस सप्ताह सोमवार को श्याम मेटालिक्स एंड एनर्जी लिमिटेड तथा सोना बीएलडब्ल्यू प्रेसीजन फोर्जिग्स (सोना कॉमस्टार) के आइपीओ लांच होने वाले हैं। वहीं, कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज तथा डोडला डेयरी के आइपीओ बुधवार को खुलेंगे।