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    क्या हर IPO में लगाने चाहिए पैसे? कितनी रहती है नफा-नुकसान की गुंजाइश

    Updated: Tue, 01 Oct 2024 12:46 PM (IST)

    Investing in IPO शेयर मार्केट में फिलहाल आईपीओ की बहार है। हर हफ्ते कोई न कोई आईपीओ खुल रहा है। उनमें से अधिकतर काफी अच्छा-खासा लिस्टिंग गेन भी दे रहे हैं। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी हुंडई और स्विगी जैसे बड़े आईपीओ कतार में भी हैं। आइए जानते हैं कि क्या आपको हर आईपीओ में पैसा लगाने की रणनीति पर अमल करना चाहिए और इसमें क्या जोखिम रहता है।

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    LIC और पेटीएम जैसे बड़े आईपीओ में लिस्टिंग पर नुकसान हो सकता है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से शेयर मार्केट में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की धूम है। खासकर, बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ के 114 फीसदी का बंपर लिस्टिंग गेन देने के बाद। इसी बीच KRN हीट एंड एक्सचेंजर का आईपीओ का GMP भी 120 फीसदी से अधिक के लिस्टिंग गेन का संकेत दे रहा है। आगे भी स्विगी, हुंडई और NTPC ग्रीन एनर्जी जैसे कई बड़े मेन बोर्ड आईपीओ कतार में है। SME आईपीओ की संख्या भी बढ़ रही है।

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    ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हर आईपीओ में पैसा लगाना चाहिए? यह स्ट्रैटजी कितनी कारगर है और इसमें नफा या नुकसान होने की गुंजाइश कितनी रहती है।

    क्यों आ रहे इतने IPO?

    शेयर मार्केट में फिलहाल बुल रन चल रहा है। इस तेजी का फायदा उठाने के लिए अधिकतर कंपनियां आईपीओ ला रही हैं, ताकि उनके शेयर ऊंची प्राइस पर लिस्ट हो सके। अतीत के आंकड़े भी इस बात पर मुहर लगाते हैं कि बुल रन के दौरान ही ज्यादातर आईपीओ आते हैं। यह सिर्फ भारत की बात नहीं है, दुनियाभर के मार्केट में इसी तरह का ट्रेंड रहा है।

    क्या आईपीओ लॉटरी है?

    पिछले दिनों सेबी ने एक रिपोर्ट पेश की थी। इसके मुताबिक, अधिकतर आईपीओ निवेशक अलॉटमेंट होने के एक हफ्ते के भीतर 54 फीसदी शेयर बेच देते हैं। साथ ही, एक साल के अंदर 74 फीसदी शेयर बेच देते हैं। ऐसे में कई मार्केट एक्सपर्ट चिंता जता रहे हैं कि आईपीओ को लॉटरी की तरह लिया जा रहा है, जो कि खतरनाक ट्रेंड है। SME IPO में ज्यादा मुनाफा मिलता है, लेकिन इसमें हेरफेर और नुकसान की आशंका भी अधिक रहती है।

    हर IPO में निवेश सही है?

    अगर आप हर आईपीओ को सिर्फ लिस्टिंग गेन के लिए सब्सक्राइब करते हैं, तो आपको नुकसान भी हो सकता है। LIC और पेटीएम जैसे बड़े आईपीओ इसकी मिसाल हैं। LIC का आईपीओ मई 2022 में आया था। प्राइस बैंड 902 से 949 रुपये था। लेकिन, यह करीब 9 फीसदी के डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुआ। इसे अपने लिस्टिंग प्राइस के पार पहुंचने में करीब 2 साल गए।

    वहीं, पेटीएम के आईपीओ ने भी निवेशकों को तगड़ी चपत लगाई थी। पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस का आईपीओ नवंबर 2021 में आया था। इश्यू प्राइस 2,150 रुपये था, लेकिन यह 9 फीसदी डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुआ। लिस्टिंग के दिन और गिरावट आई और यह 1,564 पर बंद हुआ। पेटीएम लिस्टिंग के तीन साल बाद भी अपने इश्यू प्राइस को टच नहीं कर सका है।

    किन IPO में लगाएं पैसे?

    आपको किसी भी आईपीओ में निवेश करते समय उसके फंडामेंटल पर गौर करना चाहिए। पिछले दिनों खुद पेटीएम के मालिक विजय शेखर शर्मा ने कहा कि उन्हें आईपीओ के लिए सही इन्वेस्टमेंट बैंकर नहीं चुनने का मलाल है। इसका मतलब कि शर्मा भी मानते हैं कि पेटीएम का प्राइस बैंड नहीं था। साथ ही, कई बार आईपीओ की धमाकेदार लिस्टिंग हो जाती है, फिर वह कई साल तक मुनाफा देने की स्थिति में नहीं रहते।

    मिसाल के लिए, टाटा टेक्नोलॉजी के आईपीओ का प्राइस बैंड 475 से 500 रुपये के बीच था। लेकिन, यह लिस्ट हुआ 1,200 रुपये पर। इसका मतलब कि निवेशकों को 140 फीसदी का बंपर लिस्टिंग गेन मिला। लेकिन, पिछले काफी समय से यह स्टॉक 1100 रुपये के आसपास अटका हुआ है। इसने लिस्टिंग के बाद से 10 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है।

    इन बातों का रखें ध्यान

    कंपनी के फंडामेंटल का एनालिसिस किए बगैर सिर्फ लिस्टिंग गेन के लालच में हर आईपीओ में पैसा लगाने की स्ट्रैटजी बैकफायर भी कर सकती है। ऐसे में आईपीओ में पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

    • कंपनी के उद्योग और बाजार की स्थिति को समझें।
    • उसकी ग्रोथ की संभावनाओं का मूल्यांकन करें।
    • रेवेन्यू, प्रॉफिट, लोन और कैश फ्लो पर गौर करें।
    • आईपीओ में शेयर की कीमत का मूल्यांकन देखें।
    • ब्रोकरेज की रिपोर्ट पढ़ें और उनकी राय को समझें।
    • निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

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