Gold Investment: सोने में करते हैं निवेश! जानिए अगले एक साल में सोना खरीदने पर केंद्रीय बैंकों की क्या है राय
Gold Outlook आरबीआई तथा दूसरे सेंट्रल बैंक बड़े पैमाने पर सोना खरीद रहे हैं। 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से हर साल सेंट्रल बैंक 1000 टन से अधिक सोना खरीद रहे हैं। जब ईरान और इजरायल के बीच लड़ाई छिड़ चुकी है और आर्थिक अनिश्चितता बढ़ी है WGC ने यह जानने की कोशिश की है कि अगले एक साल में केंद्रीय बैंक क्या करने वाले हैं।

नई दिल्ली। केंद्रीय बैंक सोना के सबसे बड़े खरीदार हैं। दुनिया के केंद्रीय बैंक लगातार तीन साल से 1000 टन से अधिक सोना खरीद (central bank gold buying) रहे हैं। उससे पहले एक दशक में केंद्रीय बैंक हर साल 400 से 500 टन सोना खरीद रहे थे। भारत का रिजर्व बैंक भी सोने के बड़े खरीदारों में एक है।
भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता के कारण केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोने की खरीद में वृद्धि हुई है। दूसरे निवेशकों में भी इस दौरान सोने के प्रति रुचि बढ़ी है। अगर आप भी सोने में रुचि रखते हैं तो आपके लिए यह जानना महत्वपूर्ण होगा कि अगले एक साल के दौरान दुनिया के केंद्रीय बैंकों का रुख कैसा रहने वाला है।
सर्वेक्षण के लिए 73 देशों के केंद्रीय बैंकों से बात
अगले एक साल के दौरान केंद्रीय बैंकों में सोने को लेकर क्या रुख रहने की संभावना है, यह जानने के लिए वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) ने 25 फरवरी से 20 मई के दौरान एक सर्वेक्षण किया। इसके लिए काउंसिल (WGC) ने 73 देशों के केंद्रीय बैंकों से बात की और उनका रुख जाना। काउंसिल ने मंगलवार को ‘सेंट्रल बैंक गोल्ड रिजर्व सर्वे 2025’ नाम से यह रिपोर्ट जारी की।
सोना खरीदने पर क्या है केंद्रीय बैंकों का रुख
सर्वेक्षण में पता चला कि सोने को लेकर केंद्रीय बैंकों का सकारात्मक रुख बना हुआ है। सर्वे में शामिल 95% केंद्रीय बैंकों ने कहा कि अगले 12 महीने में कुल गोल्ड रिजर्व बढ़ेगा। वर्ष 2023 में 71% और 2024 में 81% प्रतिभागियों ने कहा था कि अगले एक वर्ष में केंद्रीय बैंक सोने का रिजर्व बढ़ाएंगे।
यही नहीं 43% केंद्रीय बैंकों ने कहा कि वे अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ाएंगे। पिछले साल सिर्फ 29% प्रतिभागियों ने यह राय दी थी। सर्वेक्षण में शामिल किसी ने भी अपना गोल्ड रिजर्व घटाने की बात नहीं की। 76% प्रतिभागियों ने कहा कि अगले 5 वर्षों के दौरान उनके रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी बढ़ेगी। पिछले साल 69% केंद्रीय बैंकों की यह राय थी। वर्ल्ड कोल्ड काउंसिल 8 वर्षों से यह सर्वेक्षण कर रहा है।
अगले 5 वर्षों के दौरान डॉलर होल्डिंग घटेगी
संकट के समय सोने की परफॉर्मेंस (safe‑haven asset), पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन (reserve diversification) और महंगाई के विरुद्ध हेजिंग के तौर पर इस्तेमाल अगले एक साल के दौरान सोना खरीदने के प्रमुख कारणों में है। 73% प्रतिभागियों ने कहा कि अगले 5 वर्षों के दौरान डॉलर होल्डिंग में कमी आएगी। इस दौरान सोने के साथ दूसरी करेंसी, जैसे यूरो और रेनमिंबी (चीन) का हिस्सा बढ़ेगा।
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