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Insurance Sector New Rules: 1 अप्रैल से बदल जाएंगे बीमा क्षेत्र से जुड़े कई नियम, आम जनता पर कैसे पड़ेगा असर

Insurance Policy New Rules 1 अप्रैल यानी कि कल से बीमा पॉलिसियों से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने वाले हैं। इससे आम जनता पर निवेश को लेकर असर देखने को मिल सकता है। तो चलिए जानते हैं इससे जुड़े बदलाव। (फाइल फोटो)

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghPublished: Fri, 31 Mar 2023 11:25 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:25 AM (IST)
Insurance Sector New Rules: 1 अप्रैल से बदल जाएंगे बीमा क्षेत्र से जुड़े कई नियम, आम जनता पर कैसे पड़ेगा असर
Insurance Policy New Rules From 1st April, 2023, See List

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Insurance Policy New Rules: 1 अप्रैल यानी कि नए वित्तीय वर्ष के शुरू होने के साथ ही बीमा क्षेत्र से जुड़े कई नियम भी बदलने वाले हैं। इसमें खास तरह की बीमा से टैक्स कटौतियों के लाभ को हटाने से लेकर और भी कई तरह के बदलाव होने वाले हैं। इसलिए, आज हम आपको बताने वाले हैं कि आने वाले वित्तीय वर्ष में बीमा क्षेत्र में क्या कुछ बदलने वाला है और इससे आम जनता को कितना प्रभाव पड़ेगा।

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5 लाख तक के प्रीमियम पर लगेगा टैक्स

1 अप्रैल 2023 से 5 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक प्रीमियम वाले जीवन बीमा आय पर अब टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा, जो कि पहले टैक्स फ्री सेगमेंट में था। यह उन निवेशकों के लिए अच्छी खबर नहीं है , जो इस सीमा से ज्यादा प्रीमियम की आय पर निर्भर थे। हालांकि, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान को नये आयकर नियम से दूर रखा गया है और इस पर अब भी टैक्स छूट का लाभ मिलता रहेगा। 

खर्चों और कमीशन की सीमा में बदलाव

बीमा नियामक ने उद्योग के लिए प्रबंधन व्यय (EOM) और कमीशन की सीमा में बदलाव किया है, जो 1 अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने एजेंटों, एग्रीगेटर्स और दलालों के कमीशन भुगतान पर लगी सीमा हटा दी है। नए नियमों के अनुसार कमीशन भुगतान पर अब बीमाकर्ताओं के प्रबंधन के खर्चों को समग्र सीमा के साथ बदल दिया गया है। इससे पहले 2022 में IRDAI ने 'एक्सपोज़र ड्राफ्ट' में एजेंटों के कमीशन पर 20 प्रतिशत की सीमा का प्रस्ताव रखा था

कहा जा रहा है कि यह दीर्घकालिक विकास में मदद करेगा और उद्योग के 118.5 प्रतिशत के उच्च संयुक्त अनुपात को हासिल करने में मदद करेगा। साथ ही, संशोधित नियमों में इंसुरटेक के खर्चों, बीमा जागरूकता पर खर्च, और सरकार की ग्रामीण और सामाजिक योजनाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। 

 


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