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    सरकारी बैंकों को चाहिए ज्यादा पूंजीः मूडीज

    2016-17 के आम बजट में सरकारी बैंकों में पूंजी डाले जाने की मात्रा यदि नहीं बढ़ाई गई, तो उनकी रेटिंग पर दबाव बन सकता है।

    By Manoj YadavEdited By: Updated: Thu, 25 Feb 2016 09:18 AM (IST)

    नई दिल्ली। मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने बुधवार को आगाह किया कि अगले हफ्ते पेश होने वाले 2016-17 के आम बजट में सरकारी बैंकों में पूंजी डाले जाने की मात्रा यदि नहीं बढ़ाई गई, तो उनकी रेटिंग पर दबाव बन सकता है। मूडीज के मुताबिक फंसे हुए कर्ज के लिए एकमुश्त प्रावधान में पूंजी स्तर बढ़ाने की जरूरत है।

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    मूडीज के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी श्रीकांत वाडलामणि ने कहा, "जब तक सरकार बैंकों के लिए पूंजी डाले जाने की योजना को संशोधित करके उसे नहीं बढ़ाती है तो बैंकों को क्रेडिट प्रोफाइल को लेकर नकारात्मक दबाव देखना पड़ेगा।"1.45 लाख करोड़ की दरकारमूडीज भारत में 11 सरकारी बैंकों की रेटिंग करती है।

    इसका अनुमान है कि 31 मार्च, 2019 तक इन बैंकों को 1.45 लाख करोड़ रुपए की बाहरी पूंजी की जरूरत है। वाडलामणि ने कहा, "11 सरकारी बैंकों के एनपीए में दिसंबर 2015 को खत्म तिमाही के दौरान 0.9-4.1 प्रतिशत की वृद्घि हुई। लेकिन मूडीज का इन बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता अपरिवर्तित है।" उन्होंने कहा कि एनपीए बढ़ने के कारण कुछ बड़े खातों में लोन के फंसे होने को स्वीकार करना और पुनर्गठित खातों में चूक होना है।