70 घंटे काम करना जरूरी, नारायण मूर्ति ने चीन से की तुलना
इन्फोसिस (Infosys) के फाउंडर नारायण मूर्ति काफी समय से सप्ताह में 70 घंटे काम करने पर जोर दे रहे हैं। उनके हिसाब से व्यक्ति को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। मूर्ति जी ने कहा कि भारत की तुलना में चीन कर्मचारी 3.5 गुना ज्यादा उत्पादक हैं। हालांकि उनके इस बयान पर आलोचनाएं भी हुई है। आइए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इन्फोसिस (Infosys) के फाउंडर नारायण मूर्ति कई बार वर्क कल्चर को लेकर फोकस में रहते हैं। दरअसल, वह सप्ताह में 70 घंटे काम करने की बात करते हैं। हाल ही में उन्होंने कोलकाता में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के शताब्दी समारोह में '70 घंटे वर्क' की बात को दोहराया। हालांकि, नारायण मूर्ति की इस टिप्पणी पर कई लोगों ने आपत्ति जताई है।
चीन की अर्थव्यवस्था से की तुलना
नारायण मूर्ति ने इंडिया के वर्क कल्चर की तुलना चीन से किया। उन्होंने कहा कि चीन के नागरिक भारत की तुलना में 3.5 गुना ज्यादा उत्पादक हैं। वह भारत के गरीबी स्तर की बात करते हुए के कि हमें अपनी आकांक्षाओं को ऊंचा रखना होगा। भारत में 80 करोड़ नागरिक को मुफ्त राशन मिलता है। इसका मतलब है कि 80 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा में हैं। ऐसे में देश के विकास के लिए हमें ही कड़ी मेहनत करनी होगी। अगर हम कड़ी मेहनत नहीं करेंगे तो कौन करेगा। वह कहते हैं कि अगर भारतीय कर्मचारी अपने काम के प्रति समर्पण नहीं करते हैं तब तक देश में गरीब और अल्पविकास का जोखिम बना रहेगा।
चीन में लागू वर्क कल्चर को लेकर कानून
चीन में काम के लिए नियम लागू है। नियम के अनुसार कर्मचारी को सप्ताह में 40 घंटे काम करना होता है। इस कानून के बावजूद कर्मचारी हफ्ते में 72 घंटे काम करते हैं। दरअसल, कई कंपनियों ने 996 कार्य प्रणाली लागू किया है। इस प्रणाली के अनुसार कर्मचारी को हफ्ते में 6 दिन काम करना होता है। चीन में हुए पीपुल्स डेली के सर्वे से पता चला है कि टेक कंपनियों के 98.8 फीसदी कर्मचारी को स्वास्थ्य समस्याएं है।
खुद तय करें वर्क-लाइफ
वर्क कल्चर के बयान के बाद नारायण मूर्ति को आलोचना का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आलोचना करते हुए कहा कि अगर कर्मचारी 70 घंटे काम करता है तो उसके पास फैमिली, दोस्तों और घर के लिए टाइम नहीं होगा। वहीं, आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी विप्रो (Wipro) के कार्यकारी अध्यक्षरिशद प्रेमजी ने कहा कि कर्मचारी को कार्य प्रणाली के विपरीत अपने वर्क और लाइफ के बीच की सीमाएं खुद तय करनी चाहिए।
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ज्यादा काम से बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार हफ्ते में 35से 40 घंटे काम करने का असर हेल्थ पर भी पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति 35 से 40 घंटे की तुलना में 55 से ज्यादा घंटे काम करता है तो उसे स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन व्यक्तियों में स्ट्रोक का खतरा 35 फीसदी और हृदय रोगों का खतरा 17 फीसदी तक बढ़ जाता है।
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