उद्योग जगत को चिंता, प्रभावित होगा निवेश
देश की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की आप पार्टी की घोषणा से उद्योग जगत काफी सहमा हुआ है। उद्योग जगत के प्रतिनिधि वैसे तो सामने आकर खुल कर बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे पर राजनीति की जा रही है
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की आप पार्टी की घोषणा से उद्योग जगत काफी सहमा हुआ है। उद्योग जगत के प्रतिनिधि वैसे तो सामने आकर खुल कर बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। इससे देश में निवेश के माहौल पर भी असर पड़ सकता है।
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वहीं, तेल मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की राजनीति देश में गैस उत्पादन को बढ़ाने की कोशिशों पर पानी फेर सकती है।
उद्योगपति व राज्यसभा सांसद विजय माल्या का कहना है कि राजनीतिक दल आगामी चुनाव को ध्यान में रखकर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। लेकिन इसका ख्याल रखा जाना चाहिए कि इंडिया इंक के खिलाफ दुर्भावना के तहत जानबूझ कर कार्रवाई न हो। उद्योग जगत अर्थव्यवस्था के विकास में अहम योगदान देता है और वह इज्जत का हकदार है। लेकिन अगर कहीं गलती हुई है, तो वहां जांच होनी चाहिए।
देश के सबसे बड़े उद्योग चैंबर फिक्की के अध्यक्ष सिद्धार्थ बिड़ला ने कहा कि किसी पुराने निर्णय पर नए सिरे से विचार करने के मुद्दे पर काफी सोच-समझ कर फैसला किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे उद्योग, सरकार और समाज के बीच भरोसा खत्म होगा। साथ ही, निवेश का माहौल खराब होगा। खासतौर पर प्राकृतिक संसाधनों के विकास पर काफी निवेश होता है। बाजार के हिसाब से उस पर रिटर्न हासिल करने की छूट कंपनियों को मिलनी चाहिए।
जब सरकार ने गैस कीमत बढ़ाने का फैसला किया था तो यह तर्क दिया था कि इससे देश में गैस व तेल खोज के काम का आकर्षण बढ़ेगा। नया निवेश आएगा। देश को पेट्रोलियम उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
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