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    औद्योगिक इलाकों में 70,454 हेक्टेयर खाली जमीन, उद्योग लगाने के लिए सबसे अधिक जमीन महाराष्ट्र व गुजरात में है उपलब्ध

    By Pawan JayaswalEdited By:
    Updated: Sun, 14 Feb 2021 11:03 AM (IST)

    उद्योग विभाग की तरफ से पिछले एक साल से जीआइएस के तहत लैंड बैंक की स्थापना के लिए भूमि पहचान का काम हो रहा है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक पिछ ...और पढ़ें

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    Industrial Land ( P C : Pixabay )

    नई दिल्ली, राजीव कुमार। जमीन उपलब्ध न होने की वजह से मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना का काम अब बाधित नहीं होगा। देश के लगभग चार हजार औद्योगिक क्लस्टर एवं मैन्यूफैक्चरिंग इलाकों के सर्वे के बाद 70,454 हेक्टेयर ऐसी जमीन की पहचान कर ली गई है, जहां आसानी से मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना की जा सकती है। यह जमीन देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित औद्योगिक क्लस्टर या औद्योगिक पार्को में है, जहां उद्योग लगाने का बुनियादी ढांचा पहले से उपलब्ध है।

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    उद्योग विभाग की तरफ से पिछले एक साल से भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआइएस) के तहत लैंड बैंक की स्थापना के लिए भूमि पहचान का काम हो रहा है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, पिछले एक साल में देशभर के 3,996 औद्योगिक क्लस्टर के 5.76 लाख हेक्टेयर जमीन की मैपिंग की गई। इसके तहत 70,454 हेक्टेयर औद्योगिक जमीन खाली पाई गई, जहां उद्योग की स्थापना की जा सकती है।

    विभाग के मुताबिक 13 राज्यों के औद्योगिक इलाकों में उपलब्ध जमीन के आकार, उनकी गुणवत्ता, वहां कच्चे माल की सुविधा, भौगोलिक स्थिति जैसी जानकारियों को जीआइएस से जोड़ दिया गया है, ताकि निवेशक दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर निवेश के लायक जमीन खोज पाएं।

    उद्योग की स्थापना के लिए सबसे अधिक जमीन महाराष्ट्र और फिर गुजरात में उपलब्ध है। उद्योग लगाने में जमीन उपलब्ध न होने की बाधा को दूर करने के लिए उद्योग विभाग औद्योगिक सूचना प्रणाली (आइआइएस) के तहत लैंड बैंक की भी स्थापना कर रहा है। कई राज्य अलग से अपना लैंड बैंक बना रहे हैं। गुजरात ने अपने लैंड बैंक को सार्वजनिक भी कर दिया है, जिसकी साइट पर जाकर कोई भी उद्यमी अपनी यूनिट लगाने के लिए जमीन की पहचान कर सकता है।

    उद्योग विभाग के मुताबिक जमीन की उपलब्धता जानने के लिए टेक्सटाइल, लेदर, साफ्टवेयर, इंजीनियरिंग, फूड प्रोसेसिंग, कंस्ट्रक्शन, केमिकल, कैपिटल गुड्स, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर, जेम्स एंड ज्वैलरी, मेडिकल उपकरण, मेटल जैसे औद्योगिक क्लस्टर व पार्को की मैपिंग की गई।

    आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उद्योग विभाग 1000 से अधिक ऐसी कंपनियों के संपर्क में है, जो भारत में निवेश करना चाहते हैं या अपने पुराने निवेश का विस्तार चाहते हैं। जमीन की वजह से निवेश में पैदा होने वाली रुकावट को दूर करने के लिए यह कवायद की जा रही है।

    औद्योगिक जमीन की उपलब्धता में टॉप 10 राज्य

    महाराष्ट्र- 17,891.5 हेक्टेयर

    गुजरात- 13,360.53 हेक्टेयर

    तमिलनाडु- 6,115.46 हेक्टेयर

    हरियाणा- 5,583.86 हेक्टेयर

    आंध्र प्रदेश- 5,382.86 हेक्टेयर

    राजस्थान- 3,569 हेक्टेयर

    उत्तर प्रदेश- 3,456.54 हेक्टेयर

    कर्नाटक- 3,133.47 हेक्टेयर

    मध्य प्रदेश- 2,404.29 हेक्टेयर

    ओडिशा- 2,202.83 हेक्टेयर

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