Indogulf Cropsciences IPO हुआ ओपन, जागरण से Exclusive बातचीत में मालिक ने बताई अंदर की बात
एग्री कंपनी इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेज का आईपीओ (Indogulf Cropsciences IPO) ओपन हो चुका है। रिटेल निवेशक बिडिंग कर सकते हैं। आईपीओ आने पर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय अग्रवाल ने जागरण बिजनेस से बातचीत की और कंपनी के बारे में जानकारी शेयर की।

Indogulf Cropsciences के MD संजय अग्रवाल ने जागरण बिजनेस से की Exclusive बातचीत
नई दिल्ली। फसल सुरक्षा उत्पाद बनाने वाली कंपनी इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेज (Indogulf Cropsciences) का IPO आज यानी 26 जून को ओपन हो गया है। 30 जून तक रिटेल निवेशक इसके लिए बिडिंग कर सकते हैं। आईपीओ से पहले ही कंपनी ने एंकर इन्वेस्टर्स से ₹58.20 करोड़ जुटाए थे। इस मौके पर जागरण बिजनेस ने इंडोगल्फ के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय अग्रवाल से बातचीत की। उन्होंने बातचीत में कंपनी के बारे में जरूरी जानकारी हमसे साझा की।
कैसे हुई कंपनी की शुरुआत?
इंडोगल्फ के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय अग्रवाल ने जागरण बिजनेस के सीनियर एडिटर स्कंद विवेक धर से बातचीत में बताया कि उनके पूर्वज मिट्टी से जुड़े हुए हैं और उनका परिवार सदियों से मिट्टी से जुड़ा है और किसानों के लिए काम करता आ रहा है।
संजय अग्रवाल ने बताया कि एग्री बिजनेस की शुरुआत 1956 में उनके दादा जी ने की थी। वह तीसरी पीढ़ी के हैं। दादा जी के बाद उनके पिता जी ने इसे आगे बढ़ाया। पिता जी 5 भाई हैं, जिनमें से 4 लोग एग्रो केमिकल इंडस्ट्री में हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पूरी फैमिली फूड सिक्योरिटी बिजनेस में हैं।
बिजनेस में आने की कहानी
संजय अग्रवाल ने बताया कि 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद वह बिजनेस में घुसे। उस समय भारत में क्रॉप प्रोडक्टिविटी और क्रॉप प्रोटेक्शन को लेकर बहुत कम काम हुआ था। किसानों में फसलों की सुरक्षा करने को लेकर जागरूकता की कमी थी। उन्होंने इस स्पेस को चुनौती की तरह लिया और काम करना शुरू कर दिया।
उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज राजस्थान से हैं। मिट्टी से जुड़े हुए थे। मिट्टी के बारे में गहरी जानकारी रखते थे। इसलिए हम लोगों ने समझा कि मिट्टी मजबूत नहीं होगी तो राष्ट्र मजबूत नहीं होगा। इसी को ध्यान में रखते शुरू में उन्होंने शुरू न्यूट्रिएंट्स के प्रोडक्ट बनाए। फिर 1996 में हम क्रॉप प्रोटेक्शन के बिजनेस में घुसे।
वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने के लिए बदला नाम
संजय अग्रवाल ने बताया कि शुरुआत में उनकी कंपनी जय श्री रसायन के नाम से जानी जाती थी। उन्होंने ग्लोबल फुटप्रिंट को ध्यान में रखते हुए कंपनी का नाम बदल कर इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेज रखा। इंडो गल्फ ने कृषि मित्र नाम की एक पत्रिका भी जारी की। इसका कंपनी ने कॉपी राइट भी करा रखा है। उन्होंने बताया कि आज 34 देशों में इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेज अपनी मजबूत पैठ बना चुका है।
IPO लाने का मकसद?
संजय अग्रवाल ने आईपीओ लाने के उद्देश्य लेकर बताया कि IPO लाने का मकसद सिर्फ नंबर नहीं होता है। यह वह विश्वास है जो हमने सालों से कमाया है। यह हमारी सालों की मेहनत का परिणाम है। ये आईपीओ हमारा डेस्टिनेशन नहीं है। यह हमें नई चीजों को शुरू करने में मदद करेगा।
संजय अग्रवाल ने बताया कि 160 करोड़ जो कंपनी का है उसमें से 34 करोड़ का लोन रीपेमेंट है। 14 करोड़ रुपये कैपेक्स एक्सपेंशन में इस्तेमाल किया जाएगा। 65 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल के रूप में इस्तेमाल की जाएगी। आईपीओ से जुटाई जाने वाली धनराशि का इस्तेमाल कंपनी के ग्रोथ और एक्सपेंशन के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत में बहुत पोटेंशियल है। हम चाहते हैं कि भारत में ग्लोबल स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट उचित कीमत पर और सही समय पर मिले। हमारा मेजर फोकस इंडिया ही रहेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।