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बंगाल की खाड़ी में भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों ने खोजा प्राकृतिक गैस का बड़ा भंडार

बंगाल की खाड़ी में प्राकृतिक गैस के बड़ेे भंडार की खोज हुई हैै। यह हाइड्रेट के रूप में मौजूद है। भारत-जापान-अमेरिका के संयुक्त में यह सफलता हाथ लगी हैै।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 26 Jul 2016 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 04:31 AM (IST)
बंगाल की खाड़ी में भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों ने खोजा प्राकृतिक गैस का बड़ा भंडार

नई दिल्ली (पीटीआई)। अमेरिका और जापान के साथ चलाए जा रहे एक संयुक्त अभियान के दौरान बंगाल की खाड़ी में प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार मिला है। भारत की ओर से तेल मंत्रालय और अमेरिका के भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञ लंबे समय से बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में गैस की खोज में जुटे थे। यह अभियान पिछले साल मार्च से जुलाई तक चला था। भारत सितंबर, 2014 में हाइड्रेट की खोज को लेकर अमेरिका के साथ सहयोग पर सहमत हुआ था। भारत में गैस हाइड्रेट का अनुमानित भंडार 1,894 ट्रिलियन क्यूबिक मीटर है। इसका फैलाव पश्चिमी से पूर्वी और अंडमान के तटीय क्षेत्रों तक है।

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विभाग के मुताबिक प्राकृतिक गैस हाइड्रेट के रूप में मिली है। ठोस अवस्था में पाया जाने वाला हाइड्रेट मीथेन और जल का मिश्रण होता है। महासागर के अलावा यह ध्रुवीय क्षेत्रों में पाया जाता है। गैस हाइड्रेट प्राकृतिक गैस के बड़े संसाधनों में से एक है। भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग ने बताया कि हिंद महासागर में अपने तरह की यह पहली खोज है। यहां मिले हाइड्रेट के भंडार से गैस को निकाल पाना संभव है। अमेरिकी एजेंसी ने गैस हाइड्रेट से प्राकृतिक गैस निकालने में आने वाली तकनीकी चुनौतियों को लेकर आगाह भी किया है। हालांकि, यह स्थान और गैस हाइड्रेट की संरचना पर भी निर्भर करेगा।

यह भंडार बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली कृष्ण-गोदावरी बेसिन के रेत वाले क्षेत्र में मिला है। मौजूदा तकनीक रेत में पाए जाने वाले गैस हाइड्रेट से प्राकृतिक गैस निकालने के अनुकूल है। उम्मीद है कि इससे प्राकृतिक गैस को निकालना आसान होगा। भूगर्भ विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक टिम कॉलेट ने इस खोज को ऊर्जा संसाधन के क्षेत्र में बड़ी सफलता बताया। अभियान में अमेरिका के भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग के अलावा भारत की ओर से ओएनजीसी और जापान की ड्रिलिंग कंपनी और मरीन अर्थ साइंस ने हिस्सा लिया था।

यूएस जियोलॉजिलकल सर्वे (यूएसजीएस) एनर्जी रिसोर्सेज के संयोजक वॉल्टर ग्व्रिडोज ने कहा, 'बंगाल की खाड़ी जैसी खोज से गैस हाइड्रेट की वैश्विक ऊर्जा संसाधन क्षमता का फायदा उठाने और सुरक्षित तरीके से उनके उत्पादन के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी को परिभाषित करने में मदद मिलेगी।'

यूएसजीएस ने कहा कि यह खोज दुनिया में अब तक सबसे व्यापक गैस हाइड्रेट उद्यम का नतीजा है। जिसमें भारत, जापान और अमेरिका के वैज्ञानिक शामिल हैं। यूएसजीएस ने कहा कि वैज्ञानिकों ने विभिन्न प्रौद्योगिकियों के लिए भारत के अपतटीय इलाके में गैस हाइड्रेट भंडार की विशिष्टताओं का पता लगाया।

इस अनुसंधान का नाम इंडियन नैशनल गैस हाइड्रेट प्रोग्राम एक्सपेडिशन-02 था। यह हिंद महासागर में गैस हाइड्रेट भंडार का पता लगाने का दूसरा संयुक्त प्रयास था।


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