नवरात्र में GST कम, अब दिवाली तक आम आदमी को कौन सा बड़ा गिफ्ट देने की तैयारी कर रही सरकार; नीति आयोग ने किया इशारा
भारत में दिवाली तक बड़े सुधारों (India Economy Reform) की घोषणा हो सकती है। सरकार विनिर्माण प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और व्यापार को संतुलित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। व्यापार और एमएसएमई में सुधार (Trade and MSME reforms) सरकार की प्राथमिकता है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के नेतृत्व में समितियों ने सुधारों पर रिपोर्ट पेश की है।

नई दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने रविवार को कहा कि दिवाली तक भारत में बड़े सुधारों की घोषणाओं का एक और दौर देखने को मिल सकता है। सरकार विनिर्माण प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और व्यापार को फिर से संतुलित करने के लिए प्रयास तेज कर रही है।
हाल ही में सरकार ने 22 सितंबर से आम जानता को GST के रेट में कमी करके बड़ा गिफ्ट दिया है। ऐसे में दिवाली किस सेक्टर के बड़े लाभ की घोषणा हो सकती है जानते हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक सरकार 13-14 प्रमुख सेक्टर में सुधारों पर विचार कर रही है। इसमें व्यापार और SME पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हमारी तात्कालिक प्राथमिकताओं में से एक व्यापार और एमएसएमई सुधार हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि ट्रेड वॉच रिपोर्ट भारत के मौजूदा व्यापार ढांचे में गहरे असंतुलन को उजागर करती है।
सुब्रह्मण्यम ने कहा, "हमारा व्यापार बहुत ही असंतुलित है। यह कुछ ही उत्पादों तक सीमित है और वो भी गलत उत्पादों तक। हम ऐसी चीजों का व्यापार करते हैं जिनका बाकी दुनिया बड़ी मात्रा में व्यापार नहीं करती। हो सकता है कि हम बहुत पहले कुछ ऐसे उत्पादों पर हावी रहे हों जिनका कभी वैश्विक स्तर पर व्यापार होता था, लेकिन दुनिया आगे बढ़ गई है और भारत आगे नहीं बढ़ा।"
नीति आयोग के सीईओ ने यह भी बताया कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के नेतृत्व में कई समितियों ने प्रस्तावित सुधार उपायों पर अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है, जिससे संकेत मिलता है कि सरकार का संरचनात्मक सुधार अभियान गति पकड़ रहा है।
सुब्रह्मण्यम ने आगे कहा कि सरकार राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन शुरू करने के अंतिम चरण में है, जो एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य भारत की विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना और विभिन्न क्षेत्रों में औद्योगिक क्षमताओं में विविधता लाना है।
उन्होंने कहा, "ध्यान स्पष्ट है। हमें भारत के विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत और विविधतापूर्ण बनाना होगा। भारत को व्यापार के मामले में किसी विशिष्ट क्षेत्र को बचाना या उसकी रक्षा नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, हमें उत्पादकता, नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"
आगामी विनिर्माण मिशन के साथ सुधारों की नई लहर से भारत की औद्योगिक और व्यापार रणनीति को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ संरेखित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। जो सरकार के दीर्घकालिक विकास दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।
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