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    तेल और गैस खोज पर भारत का अंतिम दांव, नवीकरणीय ऊर्जा से निवेश को दे रहा प्रोत्साहन

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 08:39 PM (IST)

    भारत सरकार ने तेल और गैस खोज को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियम 2025 में संशोधन का मसौदा जारी किया है। इसके तहत तेल खोज में सफल कंपनियों को अपने ऑयल फील्ड में सोलर विंड हाइड्रोजन या अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत लगाने की अनुमति दी जाएगी। सरकार निवेशकों को कानूनी अड़चनों से सुरक्षा देगी।

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    भारत सरकार ने तेल और गैस खोज को बढ़ावा देने के लिए नियम में संशोधन का मसौदा जारी किया है।

     जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में तेल व गैस खोज में दिग्गज अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनियों को लुभाने के लिए सरकार का यह संभवत: अंतिम दांव है। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की खोज को बढ़ावा देने के लिए नया पेट्रोलियम व नेचुरल गैस नियम, 2025 में संशोधन का मसौदा जारी किया है।

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    इसके तहत भारत में तेल खोज में सफलता हासिल करन वाली कंपनियों को अपने आयल फील्ड में सोलर, ¨वड, हाइड्रोडन या दूसरे रिनीवेबल ऊर्जा स्त्रोतों के प्लांट लगाने की इजाजत दी जाएगी। भारत में तेल फील्डों के नियमन को लेकर पहले से लागू द आयलफील्ड्स एक्ट, 1948 को कुछ महीने पहले ही संशोधन किया गया है।

    इसमें अब एक बार फिर व्यापक संशोधन का मसौदा जारी किया गया है। इस बारे में सभी पक्षों व आम जनता से विमर्श के बाद अंतिम फैसला किया जाएगा।सरकार की तरफ से दी गई सूचना के मुताबिक पहली बार भारत में तेल फील्डों में कम कार्बन उत्सर्जन करने वाले उर्जा स्त्रोतों के प्लांट भी लगाने की इजाजत दी जाएगी। लेकिन पेट्रोलियम क्षेत्र में सुरक्षा से जुड़े नियमों का सशर्त पालन करना होगा।

    भारतीय तेल व गैस खोज को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए निवेशकों को सुविधा देने के लिए इसमें स्थिरीकरण खंड जोड़ा गया है जो भविष्य में किसी तरह की कानूनी अड़चन से होने वाली हानि या टैक्स या सब्सिडी का अतिरिक्त बोझ से आने वाली हानि से भरपाई की सुरक्षा देगा। हालांकि कंपनियों के लिए कितना कार्बन उत्सर्जन हो रहा है, इसकी निगरानी करने व इसकी पूरी पारदर्शिता से जानकारी देने की व्यवस्था भी की जा रही है ताकि पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को कंपनियां दरकिनार नहीं कर सकें।

    यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि खोज व खनन के दौरान जो भी संचालन डाटा या उत्पाद सैंपल मिलेंगे, उन पर भारत सरकार का अधिकार होगा। इस डाटा का इस्तेमाल कंपनी अपने आतंरिक उद्देश्य के लिए कर सकती है लेकिन बाहर निर्यात करने या अन्य बाहरी इस्तेमाल के लिए पहले सरकार से मंजूरी लेनी होगी।इस बारे में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप ¨सह पुरी ने कहा है कि, “भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की खोज करना पहले कभी इतना आसान व फायदेमंद नहीं रहा है। भारत में अब निवेशकों के हितों के मुताबिक पेट्रोलियम उत्पादों की खोज व खनन की नीति आ गई है। उन्होंने इसे सबसे बड़ा सुधार भी करार दिया है।''

    सनद रहे कि भारत अभी भी अपनी जरूरत का 87 फीसद पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है। देश में पेट्रोलियम उत्पादों की खोज व खनन के निजीकरण की पहली नीति न्यू एक्सप्लोरेशन व लाइसेंसिग नीति (एनईएलपी) वर्ष 1999 में लांच की गई थी। इसमें कई बार संशोधन हो चुके हैं। अब इसका नाम ओईएलपी (ओपन एकरेज लाइसें¨सग पालिसी) कहते हैं। इसके दस दौर पूरे हो चुके हैं लेकिन तेल खोज व खनन की दुनिया की दिग्गज कंपनियां ने अभी तक भारत की तरफ रुख नहीं किया है।