अप्रैल में गिरी देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर, घटकर 2.7 प्रतिशत पर पहुंची, खराब रहा इन सेक्टर्स का प्रदर्शन
India industrial output April 2025 भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) अप्रैल 2025 में साल-दर-साल 2.7% रहा जो मार्च में 3.9% की संशोधित दर से कम है। माइनिंग और एनर्जी सेक्टर के लचर प्रदर्शन के कारण इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की ग्रोथ रेट में यह गिरावट देखने को मिली है। हालांकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अच्छी ग्रोथ दर्ज हुई है।

नई दिल्ली. अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक अहम खबर आई है. सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर धीमी होकर 2.7% के स्तर पर आ गई है। माइनिंग और एनर्जी सेक्टर के लचर प्रदर्शन के कारण इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की ग्रोथ रेट में यह गिरावट देखने को मिली है। भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) अप्रैल 2025 में साल-दर-साल 2.7% रहा, जो मार्च में 3.9% की संशोधित दर से कम है।
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स में सबसे ज्यादा वैटेज रखने वाले मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन में अप्रैल में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले महीने इसमें 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जबकि बिजली उत्पादन मार्च में 6.3 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत रह गया। माइनिंग सेक्टर में 0.2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन बढ़ा
अप्रैल में, कार और फोन जैसी वस्तुओं समेत कंज्यूमर ड्यूरेबल वस्तुओं का उत्पादन 6.4 प्रतिशत बढ़ा। इसके विपरीत, खाद्य उत्पादों और टॉयलेटरीज़ जैसे कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन में 1.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जो आवश्यक वस्तुओं में कम खपत को दर्शाता है।
प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के आंकड़ों के अनुसार, मार्च में बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर 6.3% थी, जो अप्रैल में घटकर 1.1% रह गई। इसी तरह, माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट मार्च में 0.4% रही, जो अप्रैल में और घटकर 0.2% रह गई।
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