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भारत के पास है बहुत तेजी से विकास करने की क्षमता: बिल गेट्स

आए गेट्स ने कहा कि निकट भविष्य के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता लेकिन अगले एक दशक के बारे में मेरा मानना है कि बेहद तेज विकास की पूरी क्षमता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 08:49 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 10:40 AM (IST)
भारत के पास है बहुत तेजी से विकास करने की क्षमता: बिल गेट्स
भारत के पास है बहुत तेजी से विकास करने की क्षमता: बिल गेट्स

नई दिल्ली, पीटीआइ। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और दुनिया के सबसे बड़े धनकुबेर बिल गेट्स को यकीन है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के पास बेहद तेज गति से विकास करने की पूरी क्षमता है। उनके मुताबिक अगले एक दशक में भारत की विकास गति इतनी तेज होगी कि लोग गरीबी से उबर सकेंगे और सरकार स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी प्राथमिकताओं में बड़ा निवेश कर सकेगी। उन्हाेंने आधार कार्ड जैसे पहचान तंत्र विकसित करने और फाइनेंशियल सर्विसेज और फार्मा सेक्टर में बेहतर प्रदर्शन के लिए सरकार की प्रशंसा भी की।

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भारत को लेकर गेट्स का यह भरोसा ऐसे वक्त में सामने आया है, जब एशिया की इस तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की विकास दर गिर रही है। जानकारों को ऐसी आशंका है कि देश की इकोनॉमी पर यह दबाव लंबे वक्त तक रह सकता है। भारत में अपने फाउंडेशन के कार्यो की प्रगति की समीक्षा के लिए तीन दिवसीय दौरे पर आए गेट्स ने कहा, ‘निकट भविष्य के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। लेकिन अगले एक दशक के बारे में मेरा मानना है कि बेहद तेज विकास की पूरी क्षमता है। यह ऐसा विकास होगा जो लोगों को गरीबी से बाहर निकालेगा और सरकार को स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी प्राथमिकताओं में निवेश के रास्ते खोलेगा।’ उन्होंने कहा कि हर किसी को उम्मीद है कि भारत सचमुच तेज विकास दर हासिल करेगा। इसकी वजह यह है कि भारत के पास इसकी भरपूर क्षमता है।

बिल गेट्स ने अमेजन इंक के प्रमुख जेफ बेजोस को पछाड़ते हुए पिछले सप्ताह शुक्रवार को दुनिया के सबसे बड़े धनकुबेर का रुतबा वापस हासिल कर लिया था। अमेजन इंक को हुए जबर्दस्त तिमाही नुकसान के बाद बेजोस की संपत्ति घटकर 108.7 अरब डॉलर (करीब 7.61 लाख करोड़ रुपये) रह गई। वहीं, गेट्स की संपत्ति इस वक्त 110 अरब डॉलर (करीब 7.70 लाख करोड़ रुपये) है। वे बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के माध्यम से कई देशों में गरीबी उन्मूलन और सामाजिक विकास कार्यक्रमों के लिए अब तक 35 अरब डॉलर (करीब 2.4 लाख करोड़ रुपये) दान कर चुके हैं।

आधार सिस्टम की तारीफ करते हुए गेट्स का कहना था कि उनका फाउंडेशन जहां कहीं भी कार्यरत है, उनमें भारत इनोवेटर और फाइनेंशियल सर्विसेज मुहैया कराने वाले प्रमुख क्षेत्रों में एक है। भारत ने जिस तरह से आधार सिस्टम विकसित किया है और यहां यूपीआइ सिस्टम जिस प्रकार से अपनाया जा रहा है, वह वाकई रोचक है। इस तरह के कार्यो में सीखने लायक बहुत कुछ है। गेट्स ने कहा, ‘हम नंदन नीलेकणि (आधार योजना को कार्यरूप देने वाले, इन्फोसिस के सह-संस्थापक) जैसे लोगों से गठजोड़ कर यह समझना चाहते हैं कि ऐसे सिस्टम से हासिल सीखों का अन्य देशों में किस तरह उपयोग किया जा सकता है।’


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