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    विदेशी निवेशकों की लगी कतार, भारत बनेगा FDI का नया हॉटस्पॉट; 2026 में 80 अरब डॉलर का रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी!

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 07:02 PM (IST)

    भारत में 2026 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में मजबूत वृद्धि की संभावना है, जिसका मुख्य कारण मजबूत आर्थिक आधार, निवेशक-अनुकूल नीतियां और नए व्या ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। आगामी कैलेंडर वर्ष 2026 के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) प्रवाह में मजबूत वृद्धि होने की संभावना है। इसमें मजबूत व्यापक आर्थिक आधार, बड़ी निवेश घोषणाओं, ईज आफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासों और निवेश से जुड़े नए व्यापार समझौतों का प्रमुख योगदान रहेगा। उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) ने इस वर्ष एफडीआइ को बढ़ावा देने के तरीकों पर हितधारकों के साथ कई बैठकें की हैं। नवंबर में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अधिक निवेश आकर्षित करने के तरीकों को तेज, सुगम और अधिक प्रभावी बनाने के लिए परामर्श किया था।
    निवेशक अनुकूल नीतियां, निवेश पर मजबूत रिटर्न, प्रतिभाशाली कार्यबल, अनुपालन बोझ को कम करना, छोटे उद्योग से संबंधित अपराधों का गैर-अपराधीकरण करना और सुव्यवस्थित अनुमोदन ऐसे प्रमुख उपाय हैं जो वैश्विक चुनौतियों के बावजूद विदेशी निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित कर रहे हैं। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत को कुल 80.62 अरब डालर एफडीआइ मिला है। जनवरी-अक्टूबर 2025 के दौरान कुल विदेशी निवेश 60 अरब डालर को पार कर गया है।

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    पिछले ग्यारह वर्षों में सरकार द्वारा उठाए गए कई उपायों के कारण भारत ने उल्लेखनीय निवेश आकर्षित किए हैं। 2024-25 में यह 80.62 अरब डालर के ऐतिहासिक उच्च स्तर को छू गया है। हमें उम्मीद है कि इस वर्ष (2026) एफडीआइ पिछले वर्ष के 80.62 अरब डालर के आंकड़े को पार कर सकता है।-डीपीआइआइटी के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया

    भारत ने चार देशों के संगठन यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) किया है। इसके तहत इन चारों देशों ने अगले 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डालर के निवेश का वादा किया है। यह समझौता एक अक्टूबर 2025 को लागू हुआ था। तब स्विस स्वास्थ्य सेवा प्रमुख रोश फार्मा ने अगले पांच वर्षों में भारत में 1.5 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग 17,000 करोड़ रुपये) का निवेश करने का वादा किया था। न्यूजीलैंड ने भी भारत के साथ व्यापार समझौते के तहत 20 अरब डालर का एक समान वादा किया है, जिसके 2026 में लागू होने की संभावना है।

    कुछ रिपोर्टों ने भी भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण का अनुमान लगाया है। 2024 में 11 प्रतिशत घटा वैश्विक एफडीआइयूएनसीटीएडी की विश्व निवेश रिपोर्ट 2025 के अनुसार, वैश्विक एफडीआइ प्रवाह 2024 में 11 प्रतिशत घटकर 1.5 ट्रिलियन डालर रहा है। हालांकि, यह आंकड़ा अर्थव्यवस्थाओं के बीच प्रदर्शन में व्यापक भिन्नताओं को छुपाता है।

    एफडीआइ प्रवाह में विकसित देशों में 22 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं, विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में प्रवाह स्थिर रहा है। भारत में निवेशकों ने मजबूत परियोजना गतिविधि बनाए रखी है। कई बड़ी कंपनियों ने की निवेश की घोषणाइस वर्ष कुछ प्रमुख वैश्विक कंपनियों ने बड़े निवेश की घोषणाएं की हैं।

    माइक्रोसाफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने 2030 तक भारत में 17.5 अरब डालर के निवेश की घोषणा की है। एमेजोन अगले पांच वर्षों में भारत में 35 अरब डालर के निवेश की योजना बना रही है। कंपनी क्विक-कामर्स से लेकर क्लाउड कंप्यू¨टग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) तक अपने कारोबार विस्तार पर यह राशि खर्च करेगी। गूगल अगले पांच वर्षों में भारत में एक एआइ हब स्थापित करने के लिए 15 अरब डालर का निवेश करेगी। आइफोन निर्माता एपल और दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रानिक्स प्रमुख सैमसंग भी भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं।

    आर्सेलर मित्तल निप्पान स्टील इंडिया 2026 तक रंगीन कोटेड स्टील की क्षमता को वर्तमान सात लाख टन से बढ़ाकर 10 लाख टन प्रति वर्ष करने का लक्ष्य बना रही है।

    भारत में बड़े निवेशक देश

    देश/समूह हिस्सेदारी (%)
    मॉरीशस और सिंगापुर (संयुक्त) 49
    अमेरिका 10
    नीदरलैंड्स 7.2
    जापान 6
    ब्रिटेन (यूके) 5

    एफडीआइ आकर्षित करने वाले प्रमुख क्षेत्र

    भारत में अधिकतम एफडीआइ आकर्षित करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में सेवाएं, कंप्यूटर साफ्टवेयर और हार्डवेयर, दूरसंचार, व्यापार, निर्माण विकास, आटोमोबाइल, रसायन और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं। अधिकांश क्षेत्रों में स्वचालित मार्ग के माध्यम से एफडीआइ की अनुमति है। दूरसंचार, मीडिया, फार्मास्यूटिकल्स और बीमा जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेशकों के लिए सरकारी अनुमोदन की आवश्यकता होती है। लाटरी, जुआ और सट्टेबाजी, चिट फंड, निधि कंपनी, रियल एस्टेट व्यवसाय और तंबाकू का उपयोग करके सिगार और सिगरेट निर्माण में एफडीआइ प्रतिबंधित है।

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