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    क्रेडिट कार्ड से खूब पैसे उड़ा रहे भारतीय उपभोक्ता, 1.7 ट्रिलियन रुपये तक पहुंचा खर्च

    Updated: Sat, 31 Aug 2024 05:00 PM (IST)

    क्रेडिट कार्ड पहले से तय लिमिट के साथ आते हैं जिसके सहारे आप वस्तु और सेवाएं खरीद सकते हैं। इससे शॉपिंग या फिर जरूरी बिल पेमेंट काफी आसान हो गया है। यही वजह है कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल दिन ब दिन तेजी से बढ़ रहा है। कई लोग एक से अधिक क्रेडिट कार्ड भी रखते हैं। इससे क्रेडिट कार्ड से होने वाला ट्रांजैक्शन नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है।

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    इस साल जुलाई में क्रेडिट कार्ड से खर्च सालाना आधार पर 19 फीसदी बढ़कर 1.7 ट्रिलियन पहुंच गया है

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। क्रेडिट कार्ड आजकल बहुत से उपभोक्ताओं की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। वे इस प्लास्टिक मनी से दिल खोलकर खर्च भी कर रहे हैं। एसबीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में क्रेडिट कार्ड यूजर का कुल खर्च 1.7 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया। इससे क्रेडिट कार्ड पर उपभोक्ताओं की बढ़ती निर्भरता जाहिर होती है। इससे अर्थव्यवस्था की स्थिति के साथ उपभोक्ता विश्वास का भी पता चलता है। इस साल जुलाई में क्रेडिट कार्ड से खर्च सालाना आधार पर 19 फीसदी बढ़कर 1.7 ट्रिलियन पहुंच गया है।

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    सबसे अव्वल रहा एचडीएफसी बैंक

    एसबीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में लेन-देन की मात्रा में भी उल्लेखनीय वृद्धि की बात की गई है। यह सालाना आधार पर 39 प्रतिशत बढ़कर जुलाई 2024 में कुल 38.4 करोड़ लेन-देन तक पहुंच गई। इससे पता चलता है कि क्रेडिट कार्ड भारतीय उपभोक्ताओं के बीच पसंदीदा पेमेंट सिस्टम के तौर पर उभर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, एचडीएफसी बैंक लेन-देन की मात्रा के मामले में सबसे आगे रहा। उसके क्रेडिट कार्ड ने महीने के दौरान 9.9 करोड़ लेन-देन की सुविधा प्रदान की। आईसीआईसीआई बैंक 7.1 करोड़ लेन-देन के साथ दूसरे और एसबीआई 6.3 करोड़ लेन-देन के साथ तीसरे नंबर पर रहा।

    ज्यादा वैल्यू वाले ट्रांजैक्शन बढ़े

    अगर ट्रांजैक्शन की वैल्यू की बात करें, तो यहां एचडीएफसी बैंक ने फिर से बाजी मार ली। जुलाई में उसके क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कुल 44,369 करोड़ रुपये खर्च किए। आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई क्रमशः 34,566 करोड़ रुपये और 26,878 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर रहे। 2024 में औसत लेनदेन मूल्य (एटीवी) में भी महीने-दर-महीने 1.4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई। यह दस महीनों में एटीवी में पहली वृद्धि को दर्शाता है। यह स्थिरता की अवधि के बाद उच्च-मूल्य वाले लेनदेन की ओर उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव का संकेत देता है।

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