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    'चिंता की जरूरत नहीं', लगातार गिर रहे रुपया पर वित्त मंत्री का बड़ा बयान; क्या-क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 05:00 PM (IST)

    Indian rupee depreciation 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रुपए के मूल्य में गिरावट पर कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है, रुपया अपनी राह खुद बना ले ...और पढ़ें

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    'चिंता की जरूरत नहीं', लगातार गिर रहे रुपया पर वित्त मंत्री का बड़ा बयान; क्या-क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?

    Indian rupee depreciation 2025: भारतीय रुपया इन दिनों डॉलर के मुकाबले अपने रिकॉर्ड निचले स्तर के आसपास चल रहा है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman rupee statement) का कहना है कि इसे लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। एक निजी कार्यक्रम में उन्होंने साफ कहा कि, "रुपया अपनी राह खुद-ब-खुद बना लेगा।"

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    सीतारमण ने बताया कि रुपए को लेकर हो रही चर्चाओं को पुराने अनुभवों के आधार पर नहीं, बल्कि मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए समझना चाहिए। उनके अनुसार, जब अर्थव्यवस्था मजबूत हो और विकास दर तेज हो, तो रुपए-डॉलर की चाल का विश्लेषण भी उसी संदर्भ में होना चाहिए।

    ₹90.46 के रिकॉर्ड लो तक गया था रुपया

    4 दिसंबर को रुपया डॉलर के मुकाबले ₹90.46 के अब तक के सबसे निचले स्तर (rupee hits record low 90.46) पर पहुंच गया था। विशेषज्ञ इसका कारण भारत-अमेरिका ट्रेड डील में देरी और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार निकासी को बता रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह गिरावट तब दिख रही है जब देश में खुदरा महंगाई रिकॉर्ड लो पर है और GDP ग्रोथ 8% से ऊपर बनी हुई है।

    वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि रुपए की कमजोरी को सिर्फ निर्यातकों के फायदे के रूप में देखना पूरी तरह सही तर्क नहीं है, भले ही इस समय अमेरिका कई आयातित सामान पर टैरिफ बढ़ा रहा हो।

    यह भी पढ़ें- रुपये में गिरावट के बीच RBI ने क्यों लिया ब्याज दर घटाने का रिस्क? महंगाई और GDP अनुमान पर भी बदला रुख

    अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनी रहने का दावा

    वित्त मंत्रालय का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की गति आगे भी मजबूत रहेगी। Q2FY26 में GDP ग्रोथ 8.2% पर पहुंची, जो छह तिमाही का सबसे ऊंचा स्तर है। वहीं अक्टूबर में खुदरा महंगाई 0.25% पर आ गई। यह भी एक ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर है।

    सीतारमण ने भरोसा जताया कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर 7% या उससे अधिक रह सकती है। उन्होंने कहा कि कई बड़े देशों की तुलना में भारत की आर्थिक स्थिति अधिक स्थिर है, यही कारण है कि रुपये की कमजोरी के बावजूद बुनियादी ढांचा और ग्रोथ मजबूत दिखाई दे रही है।

    टैक्स और जीएसटी सुधारों पर क्या बोलीं वित्त मंत्री

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आयकर में किए गए बदलावों का असर अगले साल टैक्स कलेक्शन में साफ दिखेगा, जबकि लोगों के खर्च में तेजी अभी से नजर आने लगी है। जीएसटी सरलीकरण पर उन्होंने कहा कि इसके नतीजों को मध्यम अवधि में देखना ज्यादा उचित होगा क्योंकि यह पूरे देश में समान रूप से लागू होता है।

    सरकार का मानना है कि मजबूत फंडामेंटल और लगातार सुधारों की वजह से आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था पटरी पर ही बनी रहेगी।

     

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