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    Indian Railway ने पहली बार इंस्टॉल किया फ्लोटिंग सोलर प्लांट, Green Earth के तहत उठाया कदम

    Updated: Fri, 28 Jun 2024 02:50 PM (IST)

    Indian Railways Latest Update भारतीय रेलवे ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दे रहा है। इसके लिए सेंट्रेल रेलवे ने पहली बार फ्लोटिंग सोलर प्लांट इंस्टॉल किया है। यह प्लांट पश्चिमी घाट के इगतपुरी झील पर इंस्टॉल किया गया है। रेलवे ने Green Earth के तहत यह कदम उठाया है। आइए इस रिपोर्ट में फ्लोटिंग प्लांट के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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    ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए इंस्टॉल हुआ पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत सरकार ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। अब भारतीय रेलवे (Indian Railway) भी सरकार की मदद के लिए आगे आया। वर्ष 2030 तक नेशनल ट्रांसपोर्टर ने ग्रीन रेलवे (Green Energy) बनाने का लक्ष्य रखा है।

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    इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारतीय रेलवे ने काम करना शुरू कर दिया है। भारतीय रेलवे ने कई स्टेशन की छत पर सोलर पैनल लगाया।

    अब सेंट्रल रेलवे ने पहली बार फ्लोटिंग सोलर प्लांट इंस्टॉल किया है। रेलवे ने यह कदम Green Earth के तहत लिया है।

    कितनी है सोलर प्लांट की क्षमता

    सेंट्रल रेलवे ने इगतपुरी झील पर 10 मेगावाट पीक (मेगा वाट पीक) कैपेसिटी वाला सोलर प्लांट इंस्टॉल किया है मध्य रेलवे के अधिकारियों के अनुसार यह प्लांट नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का लाभ उठाने, सौर ऊर्जा का उपयोग करने, पवन-ऊर्जा संसाधनों को स्थापित करने के लिए स्थापित किया गया है।

    इसके अलावा अधिकारियों ने यह भी बताया कि वर्ष 2030 तक शून्य कार्बन इमिटर के लक्ष्य को पूरा करने के लिएमध्य रेलवे ने रेलवे स्टेशनों और इमारतों की छत पर सोलर पैनल लगाया। रेलवे ने 12.05 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं। इसमें से 4 मेगावाट सौर एनर्जी प्लांट पिछले साल ही उपलब्ध हो गए थे। इस साल 7 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना है।

    वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने कहा कि यह प्लांट 2.5 लाख पेड़ों को बचाने के बराबर हैं। इसका मतलब है कि इससे मिलने वाला लाभ 2.5 लाख पेड़ों से मिलने वाले लाभ के बराबर है।

    वर्तमान में रेलवे की मासिक बिजली खपत ट्रैक्शन काम के लिए 236.92 मिलियन यूनिट और गैर-ट्रैक्शन काम के लिए 9.7 मिलियन यूनिट है। अगर रेलवे के सभी सोलर प्लांट सुचारू रूप से चालू हो जाएंगे तब बिजली की खपत में से 70 फीसदी हिस्सा हरित होगा।