Indian origin CEOs: ग्लोबल कंपनियों की पसंद बन रहे हैं भारतीय मूल के सीईओ, जानिए क्या है इसकी वजह
बड़ी-बड़ी ग्लोबल कंपनियां एक के बाद एक भारतीय मूल के लोगों को अपने व्यापार की कमान सौंप रही हैं। आखिर इस ट्रेंड के पीछे क्या कारण है? भारतीय मूल के सीईओ इन कंपनियों की पसंद क्यों बन रहे हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हाल ही में भारतीय मूल के लक्ष्मण नरसिम्हा को कॉफी चेन चलाने वाली कंपनी स्टारबक्स (Starbucks) ने अपना सीईओ नियुक्त किया है। इसके बाद नरसिम्हा उन भारतीयों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जो बड़ी विदेशी कंपनियों की कमान संभाल रहे हैं।
ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ये बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारतीय मूल के लोगों ही कमान क्यों सौंप रही हैं। दरअसल, यह कोई अचानक होने वाली घटना नहीं है। आइए जानते हैं कि इस ट्रेंड के पीछे का कारण क्या है?
जुझारू होते हैं भारतीय
भारतीयों को विदेशी व्यापार जगत में पसंद किए जाने के पीछे सबसे कारण उनका जुझारू होना है। वे शुरू से ही अनिश्चिताओं के बीच बेहतर फैसले लेने में सक्षम होते हैं। किसी भी विपरीत परिस्थिति से निकलने के लिए उनके पास हमेशा एक 'प्लान बी' होता है। इस कारण वे किसी भी परिस्थति को दूसरों के मुकाबले अधिक अच्छे से संभाल पाते हैं।
प्रबंधन में माहिर
भारतीय शुरू से प्रबंधन में माहिर होते हैं। विदेशों में जाकर कई भारतीयों ने बड़ी कंपनियां स्थापित करके इसे साबित भी किया है। वहीं, भारत में शहरी लोगों के साथ ग्रामीणों में भी मुनाफा कमाने और व्यवसाय को आगे ले जाने की समझ होती है, जिस कारण विदेशी कंपनियां भारतीयों पर अधिक भरोसा करती है।
भारतीयों की तकनीकी दक्षता
भारत ने पिछले कुछ दशकों में तकनीक में वो मुकाम हासिल किया है, जो शायद ही किसी देश ने छुआ हो। टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक जैसी भारतीय कंपनियां दुनिया की टॉप सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल हैं। ये सब भारतीयों की तकनीकी समझ के कारण ही संभव हो पाया है, जिससे प्रभावित होकर वैश्विक कंपनियां भारतीयों को उच्च पदों पर जगह दे रही है।
व्यापारिक रणनीति
भारतीय मूल के लोगों को दुनिया की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से उच्च पदों पर जगह देने की बड़ी वजह व्यापारिक रणनीति भी है। मौजूदा समय में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। अगर कंपनियों के सीईओ भारतीय होंगे तो उन्हें भारतीय बाजार को समझने में मदद मिलेगी और उसके मुताबिक वे अपने उत्पाद तैयार कर पाएंगे।
विदेशी कंपनियों में भारतीय सीईओ
दुनिया की बड़ी कंपनियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट से लेकर गूगल तक की कमान मौजूदा समय में भारतीयों के हाथों में हैं। लीना नायर फ्रेंच लक्जरी ब्रांड Chanel की ग्लोबल सीईओ है। उन्हें जनवरी 2022 में कंपनी की कमान सौंपी गए थी। इसके बाद पराग अग्रवाल का नाम आता है। वे नवंबर 2021 में ट्विटर के सीईओ बने थे। संदीप कटारिया को 2021 में बाटा का ग्लोबल सीईओ बनाया गया था। सुदंर पिचाई गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ हैं, उन्हें 2015 में गूगल की कमान सौंपी गई थी। सत्या नडेला को फरवरी 2014 में माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया था। तभी से कंपनी की कमान उनके हाथों में हैं। शांतनु नारायण एडोबे सिस्टम के सीईओ हैं, उन्होंने 1998 में कंपनी को ज्वाइन किया था। उसके बाद उन्हें 2007 में कंपनी का सीईओ नियुक्त किया गया।
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