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    Indian Market: भारतीय बाजार में अभी बड़ी संभावना, वर्ष 2030 तक 10 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा बाजार पूंजीकरण

    By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey
    Updated: Thu, 22 Feb 2024 09:41 PM (IST)

    अमेरिका की इक्विटी रिसर्च कंपनी जेफरीज का मानना है कि वर्ष 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के साथ वर्ष 2030 तक भारत का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 10 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा। अर्थव्यवस्था में तेजी बरकरार रहने से बाजार से लगातार अच्छे रिटर्न की उम्मीद है जिससे घरेलू व विदेशी दोनों प्रकार के निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार में बढ़ रहा है।

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    अर्थव्यवस्था में तेजी बरकरार रहने से बाजार से लगातार अच्छे रिटर्न की उम्मीद। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका की इक्विटी रिसर्च कंपनी जेफरीज का मानना है कि वर्ष 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के साथ वर्ष 2030 तक भारत का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 10 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा।

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    अर्थव्यवस्था में तेजी बरकरार रहने से बाजार से लगातार अच्छे रिटर्न की उम्मीद है, जिससे घरेलू व विदेशी दोनों प्रकार के निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार में बढ़ रहा है। अभी भारतीय बाजार का पूंजीकरण 4.3 ट्रिलियन डॉलर का है और इस लिहाज से भारतीय बाजार का स्थान विश्व में पांचवा है। 44.7 ट्रिलियन डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ अमेरिका का बाजार पहले स्थान पर है।

    भारतीय बाजार में अभी बड़ी संभावना

    भारतीय बाजार में अभी बड़ी संभावना इसलिए भी दिख रही हैं, क्योंकि अभी भारतीय घरेलू बचत का सिर्फ पांच प्रतिशत ही इक्विटी व म्युचुअल फंड में निवेश किया जा रहा है। भारत में घरेलू संपदा में औसतन 50.8 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रॉपर्टी की तो 15.5 प्रतिशत सोने की होती है। घरेलू संपदा में सिर्फ 4.7 प्रतिशत हिस्सेदारी मार्केट इक्विटी की है। जबकि अमेरिका में घरेलू संपदा में मार्केट इक्विटी की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत से अधिक है।

    भारतीय बाजार ने सालाना 10 प्रतिशत का रिटर्न दिया

    जेफरिज का मानना है कि पिछले कई सालों से भारतीय बाजार ने सालाना 10 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है और अगले पांच-सात सालों तक भारतीय बाजार 8-10 प्रतिशत डॉलर टर्म में रिटर्न देता रहेगा। इससे विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार आकर्षण का केंद्र बना रहेगा।

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    इसके अलावा बैंकों में बचत की जगह लोग इक्विटी में पैसा लगाएंगे और बड़ी यूनिकॉर्न के बाजार में सूचीबद्ध होने से भी वर्ष 2030 तक बाजार पूंजीकरण के 10 ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

    भारत में सरकारी स्तर पर सुधार कार्यक्रम चलाए गए

    जेफरिज की रिपोर्ट के मुताबिक यह सब इसलिए संभव दिख रहा है क्योंकि पिछले 10 सालों में भारत में सरकारी स्तर पर जो सुधार कार्यक्रम चलाए गए उससे भारत की बुनियाद मजबूत हो गई है और अब अगले दशक तक भारत विकास करता रहेगा।

    हुंडई जैसी कंपनियों के सूचीबद्ध होने से बदल जाएगी बाजार की दिशा

    रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को देखते हुए अब बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारतीय बाजार में सूचीबद्ध होने जा रही हैं। तीस साल से भारत में काम करने वाली ऑटोमोबाइल कंपनी हुंडई ने अब बाजार में सूचीबद्ध होने की घोषणा की है। अगर अमेजन, सैमसंग, एप्पल, टोयोटा जैसी कंपनियां भारतीय बाजार में सूचीबद्ध होती हैं तो इससे भारतीय बाजार की पूरी दिशा बदल जाएगी।

    चालू वित्त वर्ष में एफपीआइ ने किया 33.3 अरब डॉलर का निवेश

    वित्त मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भी भारतीय बाजार विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा हैं। चालू वित्त वर्ष 2023-24 में गत 24 फरवरी तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) की तरफ से 33.3 अरब डॉलर का निवेश किया गया।

    विदेशी निवेशकों के साथ घरेलू स्तर पर खुदरा निवेशकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और वे बाजार में बिक्री की जगह खरीदारी अधिक कर रहे हैं। फिलहाल 13 करोड़ से अधिक भारतीयों के पास डीमैट खाता है।