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    Trump Tariff को भारतीय ज्वेलरी कंपनियों ने दी मात, निकाला ये नायाब तरीका; ऐसे निकली 50% टैरिफ की काट

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 04:03 PM (IST)

    Trump Tariffs on India गोल्डियम इंटरनेशनल लिमिटेड नामक कंपनी अमेरिका से कच्चे माल का आयात करके उसे आभूषणों में बदलकर वापस निर्यात करती है जिससे 50% टैरिफ से बचा जा सकता है। कंपनी अमेरिका में कच्चे सोने को आभूषणों में ढालती है और फिर उसे भारत भेजकर पॉलिश और हीरे जड़ने के बाद वापस अमेरिका में निर्यात करती है जिससे शुल्क में छूट मिलती है।

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    Trump Tariff को भारतीय ज्वेलरी कंपनियों ने दी मात, निकाला ये नायाब तरीका

    नई दिल्ली। अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है। लेकिन भारत की ज्वेलरी कंपनियां ट्रंप के टैरिफ की काट बड़ी चतुराई से निकाल रही हैं। दरअसल, अमेरिका ने टैरिफ नियम के अनुसार अगर कोई कच्चा माल अमेरिका से भारत जाता है और फिर उससे प्रोडक्ट बनकर वापस अमेरिका आता है तो उस पर टैरिफ नहीं लगेगा। इसी नियम का फायदा भारत की ज्वेलरी कंपनियां उठा रही है। भारत की एक ऐसी ही कंपनी है जो इस नियम का फायदा उठा रही है। इस कंपनी का नाम है Goldiam International Ltd। यह कंपनी  हीरे जड़ित सोने, चांदी और प्लैटिनम के आभूषणों का निर्माण और निर्यात करती है।

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    1986 में स्थापित, गोल्डियम ने अमेरिका, यूरोप और अन्य बाजारों में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खुदरा विक्रेताओं को सेवाएं प्रदान करके वैश्विक प्रतिष्ठा अर्जित की है। अमेरिका में इसके प्रोडक्ट की धूम है। कंपनी ने बताया कि हीरा आभूषणों के वैश्विक निर्यातक गोल्डियम इंटरनेशनल लिमिटेड ने एक सक्रिय विनिर्माण रणनीति के सफल कार्यान्वयन की घोषणा की है, जो भारतीय आभूषण आयात पर हाल ही में लगाए गए 50% अमेरिकी टैरिफ से इसके निर्यात को बचाती है।

    कैसे ट्रंप के टैरिफ की काट निकाल रही भारत की कंपनी

    Goldiam International Ltd ने बताया कि वह अपनी अपनी अमेरिकी सहायक कंपनी के माध्यम से अमेरिका में कच्चे सोने को अधूरे आभूषणों में ढालता है।

    फिर इसकी पॉलिशिंग के लिए और हीरे जड़ने के लिए भारत भेजा जाता है। तैयार आभूषणों को अमेरिका में पुनः निर्यात किया जाता है, जहाँ वे अमेरिकी सीमा शुल्क नियमों के तहत शुल्क छूट के लिए पात्र होते हैं।

    कंपनी ने बताया कि सोना अमेरिका में खरीदा और ढाला जाता है, इसलिए उत्पाद का अमेरिकी मूल का दर्जा बरकरार रहता है। परिणामस्वरूप, सोने के घटक पर कोई शुल्क नहीं लगता, बल्कि वृद्धिशील मूल्यवर्धन (हीरे और श्रम) पर 5.5% शुल्क लगाया जाता है। इससे गोल्डियम अपने मार्जिन प्रोफाइल की सुरक्षा करता है, मात्रा को बनाए रखता है, और छोटे व कम संगठित प्रतिस्पर्धियों की तुलना में स्पष्ट लागत लाभ बनाए रखता है।

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