Indian Economy: ADB ने घटाया भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान, क्या है इसकी वजह?
एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी व्यापार राजकोषीय और आव्रजन नीतियों में बदलाव से विकासशील एशिया और प्रशांत क्षेत्र में वृद्धि प्रभावित हो सकती है और महंगाई बढ़ सकती है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं के 2024 में 4.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है जो एडीबी द्वारा सितंबर में लगाए गए पांच प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा कम है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एजेंसी- एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। एडीबी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को भी 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है। बैंक का कहना है कि निजी निवेश और आवास मांग घटने का अनुमान है, जिसका जीडीपी ग्रोथ पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी व्यापार, राजकोषीय और आव्रजन नीतियों में बदलाव से विकासशील एशिया और प्रशांत क्षेत्र में वृद्धि प्रभावित हो सकती है और महंगाई बढ़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं के 2024 में 4.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो एडीबी द्वारा सितंबर में लगाए गए पांच प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा कम है।
आरबीआई ने भी चालू वित्त वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर पिछले सप्ताह 6.6 प्रतिशत कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती और खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी को देखते हुए मुद्रास्फीति का अनुमान भी बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया था।
भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी, जबकि आरबीआई ने स्वयं इसके सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था।
S&P का क्या है अनुमान
हालांकि, प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसी एसएंडपी का अनुमान एडीबी के ठीक उलट है। एसएंडपी के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में "मजबूत वृद्धि" के लिए तैयार है और मुद्रास्फीति के दबाव में कमी आने का अनुमान है। इसके चलते आरबीआई रेपो रेट में कटौती करेगा। S&P ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को 6.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं, वित्त वर्ष 2025-26 में 6.9 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान है।
S&P ग्लोबल रेटिंग्स के अर्थशास्त्री विश्रुत राणा ने एक पहले कहा था, "मजबूत शहरी खपत, स्थिर सेवा क्षेत्र की वृद्धि और बुनियादी ढांचे में चल रहे निवेश की बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। हमें उम्मीद है कि मुद्रास्फीति के दबाव में कमी आने पर केंद्रीय बैंक 2025 के दौरान मौद्रिक नीति में मामूली ढील देगा।"
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