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    Indian Economy: चालू वित्त वर्ष में 8-8.3 फीसदी विकास दर रहने का अनुमान, 2047 तक भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था...

    उद्योग संगठन ने एक रिपोर्ट में देश को 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सुझाव दिए। पीएचडी चैंबर ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए व्यापार करने की लागत को कम करने और फिनटेक सूचना प्रौद्योगिकी वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर क्षमता बढ़ाने की सिफारिश की है।

    By Agency Edited By: Praveen Prasad Singh Updated: Wed, 17 Apr 2024 10:00 PM (IST)
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    2035 के बाद वृद्धि दर उच्चस्तर से धीरे-धीरे नीचे आएगी और औसतन यह अगले 23 साल 6.7 प्रतिशत रहेगी।

    पीटीआई, नई दिल्ली। पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआइ) ने बुधवार को कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 8.0 से 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उद्योग संगठन ने कहा कि देश की विकास दर अगले 23 साल तक औसतन 6.7 प्रतिशत रहेगी और 2047 तक इसके 34.7 ट्रिलियन डालर तक पहुंचने का अनुमान है। उस समय तक प्रति व्यक्ति आय 21,000 डालर होगी।

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    पीएचडीसीसीआइ के मुख्य अर्थशास्त्री एसपी शर्मा ने कहा, ''देश में वृद्धि के लिहाज से बुनियाद मजबूत है। इसके साथ हमारी चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 8.0 से 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।'' उन्होंने कहा, ''2035 के बाद वृद्धि दर उच्चस्तर से धीरे-धीरे नीचे आएगी और औसतन यह अगले 23 साल 6.7 प्रतिशत रहेगी।''

    उद्योग संगठन ने एक रिपोर्ट में देश को 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सुझाव दिए। पीएचडी चैंबर ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए व्यापार करने की लागत को कम करने और फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों), सूचना प्रौद्योगिकी, वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर क्षमता बढ़ाने की सिफारिश की है। साथ ही सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया है।

    इसके अलावा, स्टार्टअप परिवेश को निरंतर सहयोग देने का आह्वान किया है। निर्यात के लिए क्षमता बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। इसके तहत वैश्विक व्यापार में निर्यात मात्रा बढ़ाने के लिए संभावित 75 उत्पादों पर ध्यान देने की बात कही गई है।