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CPI Inflation June 2023: आम जन को बढ़ती कीमतों से राहत मिलने के आसार, मई में घटी महंगाई की दर

CPI Inflation June 2023 रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किए गए उपायों का असर दिखाई देना शुरू हो गया है। अप्रैल के बाद मई में भी खुदरा महंगाई की दर में कमी देखने को मिली है। महंगाई की दर रिजर्व बैंक के अनुकूलन बैंड के भीतर आ गई है।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariPublished: Mon, 12 Jun 2023 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jun 2023 05:55 PM (IST)
CPI Inflation June 2023: आम जन को बढ़ती कीमतों से राहत मिलने के आसार

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। CPI Inflation June 2023: लगातार बढ़ती महंगाई से आमजन को राहत मिलने के आसार प्रबल हो गए हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 12 जून 2023 को मई माह के मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी कर दिए हैं। आंकड़ों के अनुसार, भारत में खुदरा मुद्रास्फीति की दर मई में लगातार चौथे महीने गिरकर अप्रैल में 4.70 प्रतिशत से गिरकर 4.25 प्रतिशत हो गई।

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उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति मई के लिए 25 महीनों में सबसे कम है। एक साल पहले की अवधि में मुद्रास्फीति 7.79 प्रतिशत थी। अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2021 के बाद से सबसे कम है, जब यह 4.48 प्रतिशत थी।

कहां कितनी रही महंगाई

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे। खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति मई में 2.91 प्रतिशत थी, जो अप्रैल में 3.84 प्रतिशत से कम थी। ये फुड बॉस्केट सीपीआई का लगभग आधा हिस्सा है। ईंधन और बिजली की महंगाई अप्रैल के 5.52 फीसदी से घटकर 4.64 फीसदी पर आ गई।

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए CPI मुद्रास्फीति को 5.2 प्रतिशत, Q1 में 5.1 प्रतिशत, Q2 में 5.4 प्रतिशत, Q3 में 5.4 प्रतिशत और Q4 में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन 4.2 फीसदी बढ़ा

भारत का औद्योगिक उत्पादन अप्रैल में 4.2 प्रतिशत बढ़ा है। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा गया कारखाना उत्पादन अप्रैल 2022 में 6.7 प्रतिशत बढ़ा।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2023 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 4.9 प्रतिशत बढ़ा है। समीक्षाधीन माह के दौरान खनन उत्पादन 5.1 प्रतिशत बढ़ा। अप्रैल में बिजली उत्पादन में 1.1 फीसदी की गिरावट आई है।

आरबीआई के मॉनिटरी पॉलिसी का एलान

पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला लिया। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत रखने का अनुमान लगाया था, जबकि ये जून तिमाही में मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत थी।

 


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