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मौजूदा वित्त वर्ष में लगभग 10 फीसद की दर से बढ़ सकती है Indian Economy: NCAER महानिदेशक पूनम गुप्ता

इकोनॉमिक थिंक टैंक NCAER की महानिदेशक पूनम गुप्ता के अनुसार मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 10 फीसद से बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि असली चुनौती आने वाले वर्षों में 7 से 8 फीसद की विकास दर को बनाए रखने की होगी।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 03:20 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 07:56 AM (IST)
मौजूदा वित्त वर्ष में लगभग 10 फीसद की दर से बढ़ सकती है Indian Economy: NCAER महानिदेशक पूनम गुप्ता
चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के लगभग 10 फीसद की दर से बढ़ने की उम्मीद है

नई दिल्ली, पीटीआइ। इकोनॉमिक थिंक टैंक NCAER की महानिदेशक पूनम गुप्ता के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था में COVID-19 से जुड़ी आपूर्ति में व्यवधान और उछाल की संभावना पर चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के लगभग 10 फीसद की दर से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, असली चुनौती आने वाले वर्षों में 7 से 8 फीसद की विकास दर को बनाए रखने की होगी।

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"हम बॉलपार्क रेंज में लगभग 10 फीसद की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं। जिसके पीछे कम आपूर्ति व्यवधान, पारंपरिक और संपर्क सेवाओं में बढ़ी हुई मांग, एक उत्साही वैश्विक अर्थव्यवस्था एक बड़ी वजह है। फिर भी, अगर महामारी के दोनों साल को एक साथ लिया जाता है, तो बहुत कम वृद्धि होगी। दूसरे शब्दों में, साल 2021-22 के अंत में अर्थव्यवस्था 2019-20 के अंत की तुलना में केवल थोड़ी बड़ी होगी।

पूनम गुप्ता एनसीएईआर की पहली महिला महानिदेशक हैं। थिंक-टैंक में शामिल होने से पहले, वह विश्व बैंक में प्रमुख अर्थशास्त्री थीं। वह NIPFP में भारतीय रिजर्व बैंक की चेयर प्रोफेसर और ICRIER में मैक्रोइकॉनॉमिक्स की प्रोफेसर भी रह चुकी हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों पर, उन्होंने कहा कि पहला COVID-19 के प्रभाव से उबरना है और दूसरा COVID-19 के बाद की विकास दर को कम से कम 7-8 फीसद बनाए रखना है।

गुप्ता के अनुसार भारत ने COVID-19 महामारी के दौरान खास तौर पर तेज गति से टीकाकरण की वजह से काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। वर्तमान में, तेजी से और व्यापक टीकाकरण सुनिश्चित करना सबसे अच्छी विकास समर्थक नीति है जिसे कोई भी देश लागू कर सकता है।

COVID-19 की विनाशकारी दूसरी लहर के बीच, इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि बढ़कर 20.1 फीसद हो गई है, जिसे एक साल पहले की अवधि में कम आधार से मदद मिली है। हालांकि, साल 2020-21 की इसी अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 24.4 फीसद की गिरावट आई थी।

आरबीआई को उम्मीद है कि साल 2021-22 में GDP की वृद्धि दर 9.5 फीसद होगी, जिसमें पहली तिमाही में 21.4 फीसद, दूसरी तिमाही में 7.3 फीसद, तीसरी तिमाही में 6.3 फीसद और 2021-22 की चौथी तिमाही में 6.1 फीसद की रहेगी।


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