अब लंबी दूरी की उड़ानों पर नजर, दबदबा बढ़ाने की तैयारी कर रहीं घरेलू विमान कंपनियां
एविएशन सेक्टर का आधे से अधिक रेवेन्यू Long Haul Flights यानी लंबी दूरी की उड़ानो से आता है। इस सेगमेंट में भारतीय विमान कंपनियों की हिस्सेदारी काफी कम है। यही वजह है कि टाटा ग्रुप की एयर इंडिया समेत कई घरेलू एयरलाइंस लंबी दूरी की उड़ानों पर फोकस बढ़ा रही हैं। इसके लिए विमान में मिलने वाली सुविधाओं को भी अपग्रेड किया जा रहा है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय विमान कंपनियों का दबदबा तेजी से बढ़ रहा है। घरेलू और कम दूरी की उड़ान (Short Haul Flights) में झंडे गाड़ने के बाद अब देसी एयरलाइंस लंबी दूरी उड़ानों (Long Haul Flights) में भी दबदबा बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। खास, टाटा ग्रुप की एयर इंडिया इस दिशा में जोर-शोर से प्रयास कर रही है।
कैसे बदल रही है लंबी दूरी उड़ान?
अमेरिकन एयरलाइंस 3,000 मील से कम दूरी की फ्लाइट को कम दूरी की उड़ान के रूप में परिभाषित करती है। वहीं, इससे अधिक दूरी की फ्लाइट लंबी दूरी की उड़ान होती है। अभी तक लंबी दूरी की उड़ानों के मामले में विदेशी विमानन कंपनियों का दबदबा है। लंबी दूरी की उड़ान से ही एविएशन सेक्टर का सबसे अधिक रेवेन्यू जेनरेट होता है।
एयर इंडिया के डेटा के अनुसार, विदेशी एयरलाइंस की लंबी दूरी के ट्रांजिट ट्रैफिक में 80 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी है, जबकि भारतीय एयरलाइनों की 15 फीसदी से भी कम है। एयर इंडिया के चीफ कमर्शियल ऑफिसर निपुण अग्रवाल का मानना है कि अगर हम हम कुछ न करें और बस चलते रहें, तो हम इस सेगमेंट में सालाना 6-7 फीसदी की वृद्धि कर सकते हैं। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारे पास करने के लिए बहुत कुछ है।
एविएशन ग्रुप पर टाटा ग्रुप का बढ़ा फोकस
टाटा ग्रुप के लिए एयर इंडिया काफी अहम कारोबार बन गया है। अग्रवाल का कहना है, 'हमारा रेवेन्यू जो वित्त वर्ष 20 में 1 अरब डॉलर से कम था, आज करीब 10 गुना बढ़ गया है। अवेलेबल सीट किलोमीटर (ASK) आज लगभग छह गुना बढ़ गए हैं। हमारे पास अगले 10 साल में 600 विमानों का बेड़ा हो जाएगा। इसलिए, हम लंबी दूरी की उड़ान में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।'
एयर इंडिया के पास फिलहाल 202 विमानों का बेड़ा है। इसमें 67 लार्ज वाइड बॉडी विमान शामिल हैं। कंपनियों ने नए विमानों के लिए ऑर्डर दे रखे हैं। इनमें से ज्यादातर विमान अगले दो साल में बेड़े में शामिल हो सकते हैं।
देसी एयरलाइंस का क्या है इंटरनेशनल प्लान
देसी विमान कंपनियां इंटरनेशनल रूट पर हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए लग्जरी सुविधाओं पर अधिक ध्यान दे रही हैं। एयर इंडिया के कई विमानों में पहले ही फर्स्ट क्लास सुविधाएं मौजूद हैं। कंपनी अपने बाकी विमानों को भी अपग्रेड कर रही है। इंडिगो जैसी दूसरी घरेलू विमान कंपनियां भी इस तरह की तैयारी कर रही हैं।
एयरलाइन में फर्स्ट क्लास का होना लंबे रूट्स, खासतौर पर लंदन और न्यूयॉर्क जैसे बड़े बाजारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाता है। जानकारों का मानना है कि भारतीय विमान कंपनियां जितना अधिक लग्जरी सुविधाएं देंगी, उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मार्केट शेयर बढ़ाने में उतनी ही आसानी होगी।
Source:
- एयर इंडिया की वेबसाइट:
- https://www.airindia.com/
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