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    अगले दो साल में चीन को पछाड़ देगा भारतः कौशिक बसु

    By Manoj YadavEdited By:
    Updated: Wed, 14 Jan 2015 09:37 PM (IST)

    विकास की रफ्तार के मामले में भारत अगले साल चीन की बराबरी पर आ जाएगा। इसके बाद वर्ष 2017 में भारत चीन को पछाड़ देगा। सत्ता में आई नई सरकार के आर्थिक सुधारों से उत्साहित विश्व बैंक ने यह भविष्यवाणी की है। विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री और वरिष्ठ उपाध्यक्ष

    वॉशिंगटन। विकास की रफ्तार के मामले में भारत अगले साल चीन की बराबरी पर आ जाएगा। इसके बाद वर्ष 2017 में भारत चीन को पछाड़ देगा। सत्ता में आई नई सरकार के आर्थिक सुधारों से उत्साहित विश्व बैंक ने यह भविष्यवाणी की है। विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कौशिक बसु ने बताया कि उनके आकलन के अनुसार भारत की रफ्तार वर्ष 2016 और 2017 में चीन को कड़ी टक्कर देगी।

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    बसु विश्व बैंक की ग्लोबल आउटलुक रिपोर्ट का हालिया अंक जारी करने के बाद मंगलवार को एक बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि चीन की विकास दर ऊंची बनी रहेगी, लेकिन वह धीरे-धीरे घटने लगेगी। साल 2016 में ड्रैगन की यह रफ्तार सात पर आएगी, फिर 2017 में 6.9 पर पहुंच जाएगी। विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2016 व 2017 के लिए भारत की विकास दर 7-7 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान जताया है। बसु ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने का फायदा भारत और चीन दोनों को होगा।

    पिछले कुछ समय में यह पहली बार होगा, जब भारत की विकास दर एशिया की दिग्गज अर्थव्यवस्था चीन के पास पहुंच जाएगी। विश्व बैंक ने वर्ष 2014 के लिए विकास दर के 5.6 रहने का अनुमान जताया था। साल 2015 में उसने विकास दर 6.4 रहने का पूर्वानुमान जताया है। इसी तरह वर्ष 2014 में चीन की विकास दर 7.4 अनुमानित है। विश्व बैंक के अनुमान के मुताबिक, साल 2015 में ड्रैगन की रफ्तार 7.1 प्रतिशत रहेगी।

    भारत में सुधारों और नियम-कानूनों में बदलाव करने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआइ में वृद्धि होनी चाहिए। निवेश (जो जीडीपी का लगभग 30 प्रतिशत है) के जरिये वर्ष 2016 तक विकास दर में मजबूती और गति आनी चाहिए। इससे विकास दर को सात प्रतिशत तक पहुंचना चाहिए। हालांकि, यह सुधारों की मजबूत और सतत प्रगति पर निर्भर करता है। बैंक ने चेतावनी दी कि सुधार की गति जरा सी भी धीमी होने से सुस्ती से उबरने की राह पहले से कहीं अधिक अवरुद्ध हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अर्थव्यवस्था का धीमी गति से पटरी पर लौटना जारी है, इसके साथ ही महंगाई में तेज गिरावट आई है। व्यापारिक क्षेत्र के एक बडे सहयोगी अमेरिका में मांग बढ़ने के चलते निर्यात की गति में तेजी आई है।

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    विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि आने वाला साल विश्व अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किलों भरा साबित हो सकता है। वैसे, बैंक ने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह बेहतर दौर साबित होगा। हर दो साल पर आने वाली रिपोर्ट बताती है कि विश्व बैंक ने ग्लोबल आर्थिक विकास दर के इस साल और अगले वर्ष के पूर्वानुमान को घटाकर क्रमश: तीन व 3.3 फीसद कर दिया है। बसु ने चेताया कि विश्व अर्थव्यवस्था को केवल एक इंजन यानी अमेरिका खींच रहा रहा है। यह कतई आदर्श स्थिति नहीं है।

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